NaBFID क्या है?

सरकार द्वारा आगामी वित्तीय वर्ष में देश के बुनियादी ढांचा क्षेत्र को ऋण स्वीकृत करने के लिए National Bank for Financial Infrastructure and Development (NaBFID) के लिए 1 ट्रिलियन रुपये का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

मुख्य बिंदु 

  • यह नया विकास वित्त संस्थान (DFI) आगामी वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में अपना काम शुरू करेगा।
  • बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश को उत्प्रेरित करने के लिए इस विकास वित्त संस्थान (DFI) की विभिन्न बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में निवेश करने की योजना है।
  • भारत में और साथ ही देश के बाहर परियोजनाओं के लिए धन दिया जाएगा जबकि ऋण वृद्धि और प्रणालीगत जोखिम शमन को प्राथमिकता दी जाएगी।
  • वित्तीय सेवा विभाग इस नवगठित DFI (Development Finance Institution) को कार्यात्मक बनाने की योजना बना रहा है और 1 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य को लागू किया जाएगा।
  • 2021 में, के.वी. कामथ को NaBFID के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था।

फण्ड

सरकार द्वारा DFI में में इक्विटी के रूप में 20,000 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। साथ ही, NaBFID को अनुदान के रूप में 5,000 करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं।

20,000 करोड़ रुपये के पूंजी आधार के साथ NaBFID, सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में कई परियोजनाओं को वित्त पोषण प्रदान करने में सक्षम होगा।

NaBFID का काम क्या होगा?

NaBFID देश के बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण में व्याप्त अंतर को पाटने की कोशिश करेगा क्योंकि बैंक लंबी परियोजनाओं में निवेश करने के बारे में सावधान हैं। इस DFI को 10 साल की कर रियायत प्रदान की गई है ताकि इस संगठन द्वारा बुनियादी ढांचा क्षेत्र को सस्ती कीमत पर लंबी अवधि के फंड उपलब्ध कराए जा सकें। यह संस्था बांड बाजार को व्यापक बनाने के लिए बाजार निर्माता के रूप में भी काम करेगी। यह ऋण प्रतिभूतियां (debt securities) भी जारी करेगा और उन सभी कंपनियों के ऋण पोर्टफोलियो के प्रतिभूतिकरण को बढ़ावा देगा जो बुनियादी ढांचा क्षेत्र के विकास में लगी हुई हैं। यह DFI सॉवरेन वेल्थ फंड, बहुपक्षीय संस्थानों आदि से उधार लेने के लिए रियायती दर पर सरकारी गारंटी भी खरीद सकेगा।

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