प्राचीन भारतीय विज्ञान
प्राचीन भारत में विज्ञान बहुत समृद्ध हुआ। पहली सहस्राब्दी ईसा पूर्व के दौरान ‘वेदांग ज्योतिष’ और वेदांग नामक शिक्षा की अन्य सहायक शाखाओं ने आकार लेना शुरू किया। वराहमिहिर वराहमिहिर द्वारा खगोल विज्ञान की विभिन्न रोमन, मिस्र और ग्रीक विचारधाराओं पर शोध किया गया था, जिन्होंने ‘पंचसिद्धांतिका’ ग्रंथ की रचना भी की थी। आर्यभट्ट आर्यभट्ट