हिंदी साहित्य का आधुनिक काल
हिन्दी साहित्य में आधुनिक काल की शुरुआत 19वीं शताब्दी के मध्य में हुई। इस अवधि का सबसे निर्णायक विकास खड़ीबोली गद्य का अंकुरण और ब्रजभाषा के बजाय कविता में इस मानक हिंदी बोली का प्रचुर उपयोग था। आधुनिक हिंदी साहित्य को चार चरणों में विभाजित किया गया है, जिसमें शामिल हैं: भारतेंदु या पुनर्जागरण (1868-1893),