हिन्दी साहित्य का भक्तिकाल

मध्यकालीन हिंदी साहित्य पर भक्ति आंदोलन का बहुत बड़ा प्रभाव पड़ा था। इस दौरान महाकाव्य रूप में कवितायें लिखी गईं थीं। अवधी और ब्रजभाषा प्रमुख बोलियाँ थीं जिनमें हिन्दी साहित्य का विकास हुआ। अवधी में प्रमुख कार्यों में मलिक मुहम्मद जायसी की पद्मावत और तुलसीदास की रामचरितमानस शामिल हैं। तुलसीदास की विनय पत्रिका और सूरदास

इंडियासाइज सर्वे (INDIAsize Survey) लांच किया गया

कपड़ा मंत्रालय और राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (National Institute of Fashion Technology – NIFT) ने आकार के भ्रम को दूर करने के लिए भारत में आकार का सर्वेक्षण (size survey) शुरू किया। इसे इंडियासाइज ((INDIAsize) नाम दिया गया है। यह सर्वेक्षण आधिकारिक तौर पर 26 अगस्त, 2021 को शुरू किया गया था। मुख्य बिंदु यह

हिन्दी साहित्य का आदिकाल

हिंदी साहित्य का आदि काल 1400 ईस्वी से पहले का समय है। उस समय हिंदी साहित्य कन्नौज, दिल्ली, अजमेर औरमध्य भारत तक बहुत परिपक्व हो गया था। दिल्ली पर तब पृथ्वीराज चौहान (1168-1192 ई.) का शासन था। पृथ्वीराज चौहान के दरबारी कवि चंदबरदाई ने पृथ्वीराज रासो लिखी थी जिसे हिंदी साहित्य के इतिहास में पहली

नीति आयोग और सिस्को ने महिला उद्यमिता मंच (WEP) का अगला संस्करण लांच किया

नीति आयोग और सिस्को (Cisco) ने 26 अगस्त, 2021 को महिला उद्यमिता मंच (Women Entrepreneurship Platform – WEP) के अगले चरण को लांच किया। मुख्य बिंदु  WEP के इस चरण का शीर्षक ‘WEPNxt’ रखा गया है। यह भारत में महिलाओं के स्वामित्व वाले व्यवसायों को सक्षम करने के लिए सिस्को से प्रौद्योगिकी का लाभ उठाएगा

स्टॉकहोम विश्व जल सप्ताह 2021 (Stockholm World Water Week 2021) : मुख्य बिंदु

स्टॉकहोम अंतर्राष्ट्रीय जल संस्थान (Stockholm International Water Institute – SIWI) द्वारा स्टॉकहोम विश्व जल सप्ताह (Stockholm World Water Week) 23 से 27 अगस्त, 2021 तक ऑनलाइन आयोजित किया गया था। मुख्य बिंदु सूरत नगर निगम भारत का एकमात्र नागरिक निकाय था जिसे “Zero Liquid Discharge Cities” विषय पर पैनल चर्चा में आमंत्रित किया गया था।