ब्रिटिश काल के दौरान बंगाल में सामाजिक-धार्मिक आंदोलन
ब्रिटिश काल के दौरान बंगाल में सामाजिक-धार्मिक आंदोलनों को भारत के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाओं में से एक माना जाता है। बंगाल में अधिकांश सामाजिक-धार्मिक आंदोलनों का नेतृत्व कलकत्ता में अंग्रेजी शिक्षित भारतीय उच्च वर्ग के लोगों ने किया था। उन्होंने ज्यादातर हिंदू धर्म और अन्य धर्मों में प्रचलित बुरे कर्मकांडों का विरोध