उत्तर भारत की जनजातियाँ

उत्तर भारतीय जनजातियों के विशिष्ट सांस्कृतिक पैटर्न हैं। उत्तर भारत में कई जनजातियाँ भी शामिल हैं। वे भारत के इतिहास के प्रमुख भाग हैं। हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, जम्मू और कश्मीर, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे विशाल राज्यों को मिलाकर उत्तर भारत बनता है। हिमाचल प्रदेश की जनजातियाँ इन जनजातियों को उनके रूप, अच्छे आचरण

दक्षिण भारत की जनजातियाँ

भारत में दक्षिण भारत का एक बड़ा हिस्सा है, जिसमें केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु राज्य शामिल हैं। तमिलनाडु की जनजातियाँ इसमें जनजातीय आबादी की एक महत्वपूर्ण संख्या शामिल है। इन तमिल जनजातियों के बारे में एक चौंकाने वाला तथ्य यह है कि वे बेहद विपरीत और पूरक संबंध साझा करते हैं। एक विशिष्ट

उत्तर पूर्व भारतीय जनजातियां

उत्तर पूर्व भारतीय जनजातियां भारतीय आदिवासी समुदाय का एक बड़ा हिस्सा हैं और ये पूर्वोत्तर के सभी राज्यों में फैली हुई हैं जिनमें अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर त्रिपुरा, मिजोरम, मेघालय, असम और सिक्किम शामिल हैं। उत्तर पूर्व भारत को भारत के सांस्कृतिक रूप से अलग-अलग हिस्सों में से एक माना जाता है, जिसमें 200 से

RBI ने मौद्रिक नीति (Monetary Policy)  में दरों को अपरिवर्तित रखा

4 जून, 2021 को भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति के तहत विभिन्न दरों में कोई भी बदलाव नहीं किया। मुख्य बिंदु रेपो रेट को 4.25% पर अपरिवर्तित रखा गया है। रिवर्स रेपो दर को 3.35% पर रखा गया है। वित्त वर्ष 2022 के लिए जीडीपी वृद्धि के 9.5% रहने का अनुमान है। रेपो दर

नासिक के बौद्ध गुफा परिसर तीन गुफाएं खोजी गयी

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India – ASI) ने महाराष्ट्र के नासिक में बौद्ध गुफा परिसर (Buddhist Caves Complex) में तीन गुफाओं की खोज की है। मुख्य बिंदु ब्रिटिश सैन्य अधिकारी द्वारा नासिक में एक पहाड़ी पर त्रि-रश्मी बौद्ध गुफाओं (Tri-Rashmi Buddhist Caves), जिसे पांडव लेनी (Pandav Leni) भी कहा जाता है, का दस्तावेजीकरण