मानव धर्म सभा
22 जून 1844 को सूरत में मेहताजी दुर्गाराम मंचाराम, दादोबा पांडुंरंग तरखड़ और कुछ अन्य लोगों ने मानव धर्म सभा की स्थापना की। यह सभा गुजरात और ब्रिटिश भारत में सामाजिक-धार्मिक सुधार आंदोलनों में से एक थी। मानव धर्म सभा का लक्ष्य ईसाई, मुस्लिम और हिंदू धर्मों में मौजूद गलत प्रथाओं को उजागर करना था।