तत्त्वबोधिनी सभा
तत्त्वबोधिनी सभा एक विशेष सुधार आंदोलन संगठन था, जिसका उद्देश्य ब्रह्मधर्म या ब्रह्म विश्वास को लोकप्रिय बनाना था। जब ब्रह्म समाज अपने संस्थापक राम मोहन राय की मृत्यु के बाद कमजोर हो गया, तो देबेंद्रनाथ टैगोर ने हर संभव पहल की और 6 अक्टूबर 1839 को ‘तत्त्वबोधिनी सभा’ की स्थापना की। इसका मुख्य उद्देश्य वेदों