कैलाशनाथ मंदिर की वास्तुकला

कैलाशनाथ मंदिर को कैलाश मंदिर के रूप में भी जाना जाता है। यह पल्लव युग की भारतीय रॉक कट वास्तुकला का एक बेहतरीन उदाहरण है। यह कांचीपुरम में स्थित है। यह संरचना 8 वीं शताब्दी की है। मंदिर को इस तरह से तराशा गया है कि यह कैलाश पर्वत की याद दिलाता है। इसलिए इसे

बॉम्बे का आर्थिक विकास, 1863-1865

ब्रिटिश भारत में बॉम्बे की आर्थिक स्थिति में भारी उछाल आया। 1863-1865 की अवधि के भीतर,बॉम्बे की आर्थिक स्थिति में इसके कपास उद्योग में उछाल देखा गया जब अमेरिकी गृहयुद्ध ने कच्चे कपास की ब्रिटेन की सामान्य आपूर्ति काट दिया। परिणामस्वरूप कपास, भाप नेविगेशन और शिपिंग के निर्माण और समुद्री बीमा में छत्तीस नई फर्मों

भारत में कपास यद्योग की स्थापना

भारत में कपास उद्योग की स्थापना का इतिहास एक समृद्ध इतिहास रहा है। अंग्रेजी द्वारा भारत में कई लाभकारी उद्योगों के क्रमिक उद्घाटन के साथ देश मशीनीकरण के एक नए दौर थे। 19 वीं शताब्दी की शुरुआत मे, ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की पहल और इंग्लैंड में अंग्रेजी क्राउन बैक की सहायता के कारण भारत

भारत में चाय उद्योग की शुरुआत

भारत में चाय उद्योग की शुरुआत का इतिहास एक समृद्ध है। ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के भारत आने और व्यापार के उनके प्रसार ने विदेशों के साथ भारतीय व्यापार की एक नई शुरुआत देखी। उस समय देश में मुगलों, उसके बाद मराठों का साम्राज्य आया। कपड़े और मसलों के व्यापार में भी बढ़ोत्तरी देखि गई।

गुप्तकालीन मूर्तियों की विशेषताएं

गुप्तकालीन मूर्तियों की विशेषताएं कुषाण काल की अद्भुत मूर्तियों के इर्द गिर्द घूमती हैं। यह भी माना जाता है कि गुप्त मूर्तियों की विशिष्ट शैली गांधार और मथुरा के स्कूलों से प्रभावित लोगों से भी विकसित हुई है। यह वह युग था जब बौद्ध धर्म प्रमुखता से उभरा। गुप्तों की मूर्तिकला शैली में मूल और