चार्टर एक्ट, 1833

1833 का चार्टर अधिनियम या सेंट हेलेना अधिनियम 1833 इंग्लैंड में औद्योगिक क्रांति का परिणाम था। इस अधिनियम ने भारत के प्रशासन में अंग्रेजों को व्यापक स्थान दिया। इसने ब्रिटिश इंडिया कंपनी की व्यावसायिक गतिविधियों को समाप्त कर दिया और भारत के प्रशासन में ब्रिटिश क्राउन के ट्रस्टी के रूप में परिवर्तित हो गए। 1833

चार्टर एक्ट, 1813

ब्रिटिश संसद द्वारा पारित 1813 के चार्टर एक्ट ने अगले 20 वर्षों के लिए ईस्ट इंडिया कंपनी के चार्टर को नवीनीकृत कर दिया। इसे ईस्ट इंडिया एक्ट, 1813 भी कहा जाता है। यह अधिनियम इस मायने में महत्वपूर्ण है कि इसने पहली बार ब्रिटिश भारतीय क्षेत्रों की संवैधानिक स्थिति को परिभाषित किया। इसने भारत को

चार्टर एक्ट, 1793

वर्ष 1793 में कंपनी के वाणिज्यिक विशेषाधिकार एक और बीस साल के लिए बढ़ा दिए गए थे। शक्तियां जिन्हें विशेष रूप से लॉर्ड कार्नवालिस और भविष्य के सभी गवर्नर जनरल और गवर्नरों के परिषद को 1793 के चार्टर अधिनियम द्वारा विस्तारित किया गया था। बॉम्बे और मद्रास के राष्ट्रपति पद पर गवर्नर-जनरलों के अधिकार क्षेत्र

विश्व बैंक ने जारी की वैश्विक आर्थिक संभावना रिपोर्ट

हाल ही में विश्व बैंक ने वैश्विक आर्थिक संभावना रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट के मुख्य बिंदु इस रिपोर्ट के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था 2020-21 में 6% तक संकुचित होगी।भारतीय अर्थव्यवस्था 2021-22 में 5.4 प्रतिशत की रिकवरी करेगी। भारतीय अर्थव्यवस्था में संकुचन मुख्य रूप से घरेलू खर्च और निजी निवेश में तेज गिरावट के कारण होगा। दूसरी ओर,

भारत में बर्ड फ्लू का प्रकोप : मुख्य बिंदु

भारत में बर्ड फ्लू हिमाचल प्रदेश में जंगली गीज़, केरल में बत्तख, राजस्थान और मध्य प्रदेश में कौवे के रूप में पाया गया है। साथ ही, हरियाणा में पिछले कुछ दिनों में एक लाख से अधिक पोल्ट्री पक्षियों की रहस्यमय तरीके से मौत हो गई है। केरल सरकार ने हाल ही में एवियन इन्फ्लुएंजा को राज्य आपदा