भारतीय वर्ण व्यवस्था
प्राचीन भारत में वर्ण व्यवस्था व्यवसाय पर आधारित थी, लेकिन समय के साथ यह एक कठोर जाति व्यवस्था में बदल गई। एक वर्ण का शाब्दिक अर्थ संस्कृत में समूह है। प्राचीन भारतीय समाज चार वर्गों में विभाजित था – ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र। हिंदू धर्म में वर्ण व्यवस्था वर्ग, रंग, गुण और योग पर