पालि साहित्य
पाली साहित्य की नींव पहली शताब्दी ई.पू. प्राचीन भारत में धार्मिक और दार्शनिक ग्रंथों की रचना पाली में हुई थी, जिनमें से सबसे महत्वपूर्ण थेरवाद पंथ का त्रिपिटक है। इतिहास के अनुसार, थेरवाद बौद्ध भाषा का उल्लेख मगधी (प्राकृत की एक बोली) के रूप में करते हैं। पाली साहित्य को दो मुख्य श्रेणियों में वर्गीकृत