Parker Solar Probe: शुक्र ग्रह से रेडियो संकेत मिले

नासा के अंतरिक्ष यान पार्कर सोलर प्रोब (Parker Solar Probe) ने शुक्र ग्रह से एक प्राकृतिक रेडियो सिग्नल की खोज की है। इन संकेतों का पता तब चला जब इस स्पेस प्रोब ने शुक्र के ऊपरी वायुमंडल पर उड़ान भरी।

मुख्य बिंदु

पार्कर सोलर प्रोब ने शुक्र के वायुमंडल को मापा है। यह 30 वर्षों में शुक्र ग्रह के वायुमंडल का पहला प्रत्यक्ष माप है। पार्कर सोलर प्रोब के निष्कर्षों के अनुसार, पृथ्वी की ही तरह, शुक्र ग्रह के भी ऊपरी वायुमंडल में गैस की एक विद्युत आवेशित परत होती है जिसे आयनमंडल (ionosphere) कहते हैं। इस परत में आवेशित कणों से इस प्रोब के द्वारा रेडियो सिग्नल को पकड़ा गया था।

इसके अलावा, स्पेस प्रोब ने पुष्टि की है कि ऊपरी शुक्र वायुमंडल एक सौर चक्र में परिवर्तन से गुजरता है।

शुक्र और पृथ्वी

पृथ्वी और शुक्र दोनों समान आकार और संरचना के हैं और इन्हें जुड़वां ग्रह (twin planets) कहा जाता है। हालांकि, पृथ्वी के विपरीत, शुक्र में चुंबकीय क्षेत्र का अभाव है और इसकी सतह सीसा पिघलाने के लिए पर्याप्त गर्म है।

पार्कर सोलर प्रोब (Parker Solar Probe)

इसे सूरज के बाहरी कोरोना के बारे में अध्ययन करने के लिए 2018 में लॉन्च किया गया था। यह 2025 तक सूर्य के केंद्र से 6.9 मिलियन किलोमीटर तक पहुंचेगा। पार्कर सोलर प्रोब के तीन मुख्य उद्देश्य इस प्रकार हैं:

  • सौर पवन (solar wind) और सौर कोरोना (solar corona) को गर्म करने और तेज करने वाली ऊर्जा के प्रवाह का पता लगाना
  • सौर हवाओं के स्रोतों पर चुंबकीय क्षेत्र और प्लाज्मा की संरचना का निर्धारण करना
  • ऊर्जावान कणों को तेज करने वाले तंत्र के बारे में पता लगाना

सौर चक्र (Solar Cycle)

सूर्य विद्युत आवेशित गर्म गैस (electrically charged hot gas) का एक विशाल गेंद है। यह गैस शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करती है। सूर्य का चुंबकीय क्षेत्र हर 11 साल में बदल जाता है। इसे सौर चक्र कहा जाता है।

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