Pfizer ने भारत में इमरजेंसी यूज़ अथॉराईजेशन की मांग की
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हाल ही में Pfizer ने भारत में ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया (DGCI) से इमरजेंसी यूज़ अथॉराईजेशन की मांग की है। गौरतलब है कि हाल ही में यूके ने Pfizer Inc द्वारा विकसित कोविड-19 वैक्सीन को इमरजेंसी यूज़ अथॉराईजेशन के लिए मंज़ूरी दी थी।
फाइजर
अमेरिकी सरकार ने 2 बिलियन डॉलर में100 मिलियन खुराक खरीदने के लिए इस कंपनी के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह उम्मीद की जा रही है कि फाइजर 2021 के अंत तक 1.3 बिलियन खुराक वितरित करेगा।
मॉडर्ना और फाइजर दोनों ही mRNA तकनीक का उपयोग करते हैं । यह पहली बार है जब इस प्रौद्योगिकी का उपयोग वैक्सीन बनाने में किया जा रहा है।
अन्य टीके
Moderna
अमेरिका की मॉडर्ना बायोटेक फर्म मैसेंजर RNA या mRNA का उपयोग करके COVID-19 वैक्सीन विकसित कर रही है। यह ध्यान दिया जाना है कि mRNA को अभी तक किसी भी बीमारी के लिए अनुमोदित नहीं किया गया है। 16 नवंबर, 2020 को, मॉडर्ना ने दावा किया कि इसका टीका 90% कुशल है।
Novavax
नोवावैक्स एक COVID-19 वैक्सीन बना रहा है जिसमें दो शॉट होते हैं और शॉट 21 दिनों के अंतराल पर दिए जाते हैं।
जॉनसन एंड जॉनसन
इस बायोटेक फर्म को 2021 के अंत तक COVID-19 टीकों की 1 बिलियन खुराक का उत्पादन करने की उम्मीद है। इसमें अमेरिका के लिए भी 100 मिलियन खुराक शामिल हैं।
स्पुतनिक वी
स्पुतनिक वी रूसी टीका है जो भारत सहित कई देशों में नैदानिक परीक्षणों के तहत है। यह रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष द्वारा समर्थित है।
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