SEBI ने स्टॉक एक्सचेंजों और MIIs के लिए साइबर सुरक्षा ढांचे को मजबूत किया
भारत के पूंजी बाजार नियामक, सेबी ने स्टॉक एक्सचेंज, क्लियरिंग कॉरपोरेशन और रिपॉजिटरी जैसे बाजार बुनियादी ढांचे संस्थानों (market infrastructure institutions – MIIs) के लिए साइबर सुरक्षा और साइबर लचीलापन ढांचे को मजबूत करने के लिए नए दिशानिर्देश पेश किए हैं। ये दिशानिर्देश तत्काल प्रभाव से लागू होते हैं और MIIs की परस्पर संबद्धता और अन्योन्याश्रितता को संबोधित करते हैं, जिससे उनके नियंत्रित सिस्टम से परे साइबर जोखिम का दायरा बढ़ जाता है। MIIs को एन्क्रिप्टेड ऑफ़लाइन डेटा बैकअप बनाए रखने और गोपनीयता, अखंडता और उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए नियमित रूप से उनका परीक्षण करने की आवश्यकता होती है।
दिशानिर्देश व्यवधान की स्थिति में सिस्टम के पुनर्निर्माण की सुविधा के लिए अतिरिक्त हार्डवेयर को बनाए रखने के विकल्प तलाशने का भी सुझाव देते हैं। इन व्यवस्थित रूप से महत्वपूर्ण संस्थानों के लिए साइबर सुरक्षा और परिचालन जोखिम प्रबंधन को बढ़ाने के लिए अनुशंसित उपायों में व्यवसाय निरंतरता अभ्यास, भेद्यता स्कैनिंग, बहु-कारक प्रमाणीकरण और सुरक्षित डोमेन नियंत्रक शामिल हैं।
स्टॉक एक्सचेंजों और MIIs के लिए साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सेबी ने क्या कदम उठाए हैं?
सेबी ने MIIs को एन्क्रिप्टेड ऑफ़लाइन डेटा बैकअप बनाए रखने और नियमित रूप से उनका परीक्षण करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। इन संस्थानों को सिस्टम पुनर्प्राप्ति के लिए अतिरिक्त हार्डवेयर बनाए रखने की संभावना तलाशने की आवश्यकता है। इसके अतिरिक्त, साइबर सुरक्षा और परिचालन तत्परता को बढ़ाने के लिए व्यावसायिक निरंतरता अभ्यास, भेद्यता स्कैनिंग, बहु-कारक प्रमाणीकरण और सुरक्षित डोमेन नियंत्रकों की सिफारिश की गई है।
प्रतिभूति बाजार में MIIs का क्या महत्व है?
स्टॉक एक्सचेंज, क्लियरिंग कॉरपोरेशन और रिपॉजिटरी सहित MIIs प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण संस्थान हैं जो प्रतिभूति बाजार के सुचारू कामकाज के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा प्रदान करते हैं। बाजार के निर्बाध संचालन को सुनिश्चित करने के लिए मजबूत साइबर सुरक्षा उपायों की आवश्यकता है।
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