Small Modular Reactors (SMRs) क्या हैं?
हाल ही में, नीति आयोग के सदस्य वी.के. सारस्वत ने सरकार को छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर (Small Modular Reactors – SMRs) स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित करने का सुझाव दिया। इस कदम से भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने और ताप विद्युत संयंत्रों को बदलने में मदद मिलेगी।
मुख्य बिंदु
- वी.के. सारस्वत ने भारत की बेस लोड आवश्यकताओं को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए फ्लीट मोड उत्पादन के तहत स्थापित परमाणु ऊर्जा संयंत्र परियोजनाओं में तेजी लाने का भी सुझाव दिया।
- छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर वितरित तरीके से आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करेंगे।
Small Modular Reactors (SMRs)
छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर 300 मेगावाट प्रति यूनिट की बिजली क्षमता के साथ उन्नत परमाणु रिएक्टर हैं। यह पारंपरिक परमाणु ऊर्जा रिएक्टरों की उत्पादन क्षमता के 1/3 के बराबर है । परमाणु संयंत्र के फ्लीट मोड के तहत 5 साल की अवधि में बनने की संभावना है। उन्नत परमाणु रिएक्टर का एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह फैक्ट्री फैब्रिकेटेड हैं। इसे किसी भी एजेंसी द्वारा संचालित किया जा सकता है। इस प्रकार, यह निजी क्षेत्र की बड़ी भागीदारी को आकर्षित करेगा।
भारत में परमाणु ऊर्जा ऊर्जा
वर्तमान में, भारत में 22 रिएक्टर चालू हैं, जिनकी कुल क्षमता 6,780 मेगावाट है। इनमें से 18 रिएक्टर प्रेशराइज्ड हैवी वाटर रिएक्टर हैं जबकि 4 लाइट वाटर रिएक्टर हैं। भारत में कुल बिजली उत्पादन में परमाणु ऊर्जा की हिस्सेदारी 2020-21 में 3.1% थी। भारत ने 2031 तक 6,780 मेगावाट की वर्तमान क्षमता को 22,480 मेगावाट तक बढ़ाने की योजना बनाई है, जो कि शुद्ध-शून्य लक्ष्यों के अनुरूप है।
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