UPI के माध्यम से जुलाई 2022 में 6 अरब लेनदेन दर्ज किये गये
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने हाल ही में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) पर डेटा जारी किया है। इसके अनुसार, UPI ने जुलाई 2022 में 6 बिलियन से अधिक लेनदेन को पार कर लिया। 2016 में UPI प्लेटफॉर्म लॉन्च होने के बाद से यह सबसे अधिक है।
रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष
- जुलाई 2022 में, UPI ने 6.28 बिलियन लेनदेन दर्ज किए, जिनकी राशि 10.62 ट्रिलियन रुपये थी।
- लेन-देन की मात्रा में 7.16 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि मूल्य में महीने-दर-माह 4.76 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
- साल-दर-साल (YoY), लेनदेन की मात्रा में दो गुना वृद्धि हुई जबकि लेनदेन के मूल्य में 75% की वृद्धि हुई।
- अक्टूबर 2019 में पहली बार UPI ने 1 अरब लेनदेन को पार किया था।
- UPI सिर्फ 3 महीनों में 3 अरब से 4 अरब प्रति माह लेनदेन के निशान तक पहुंच गया।
- वित्तीय वर्ष 2022 में, UPI ने 46 बिलियन से अधिक लेन-देन किया, जो कि 84.17 ट्रिलियन रुपये का था।
भारतीय रिज़र्व बैंक का “डिजिटल भुगतान सूचकांक (DPI)” मार्च 2022 में बढ़कर 349.30 हो गया, जबकि सितंबर 2021 में यह 304.06 था। यह भारत में डिजिटल भुगतान को तेजी से अपनाने को दर्शाता है। DPI सूचकांक जनवरी 2021 में लॉन्च किया गया था। यह पूरे भारत में भुगतान के डिजिटलीकरण की सीमा पर प्रकाश डालता है। UPI का लक्ष्य आगामी पांच वर्षों में प्रतिदिन अरबों लेनदेन को संसाधित करने का है।
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (National Payments Corporation of India – NPCI)
NPCI, RBI का स्पेशलाइज्ड डिवीजन है। यह वित्त मंत्रालय के अधीन कार्य करता है। इसे पूरे भारत में खुदरा भुगतान और निपटान प्रणाली संचालित करने के लिए 2008 में RBI द्वारा स्थापित किया गया था।
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