असम की कैबिनेट ने असम राजभाषा संशोधन विधेयक को मंज़ूरी दी
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हाल ही में असम मंत्रिमंडल ने बोडो भाषा को राज्य की आधिकारिक भाषा बनाने के लिए एक विधेयक को मंजूरी दी। भारत सरकार, असम सरकार, चार बोडो विद्रोही समूहों और दो बोडो संगठनों के बीच हस्ताक्षरित बोडो शांति समझौते के अनुसार यह बिल तैयार किया गया है।
भारत में राजभाषा
भारत में कोई राष्ट्रीय भाषा नहीं है। अनुच्छेद 343 ने अनुसार देवनागरी में संघ की आधिकारिक भाषा हिंदी होगी। भारतीय संसद में कार्य केवल हिंदी या अंग्रेजी में किया जाएगा। अंग्रेजी को आधिकारिक उद्देश्यों जैसे कि संसदीय कार्यवाही, केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच संचार, देश में न्यायपालिका संचार के लिए उपयोग करने की अनुमति है।
आधिकारिक भाषाओं के अलावा, संविधान 22 क्षेत्रीय भाषाओं को मान्यता देता है। इसमें हिंदी शामिल है, परन्तु अंग्रेजी शामिल नही है। इसलिए, भारत में अंग्रेजी न तो कोई आधिकारिक भाषा है और न ही कोई अनुसूचित भाषा। यह आधिकारिक संचार के लिए एक भाषा है।
असम में आधिकारिक भाषा
असम की आधिकारिक भाषा असमिया है। इसके अलावा असम की अतिरिक्त आधिकारिक भाषाएँ बंगाली और बोडो हैं। बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद क्षेत्रों में बोडो एक आधिकारिक भाषा है, जबकि बराक घाटी के तीन जिलों में बंगाली आधिकारिक भाषा है।
असमिया भाषा आंदोलन
असमिया भाषा आंदोलन से तात्पर्य राजनीतिक गतिविधियों की एक श्रृंखला सेहै जिसने एक आधिकारिक भाषा के रूप में असमिया भाषा की मान्यता की मांग की। यह संघर्ष 19वीं शताब्दी में शुरू हुआ जब यह क्षेत्र ब्रिटिश शासन के अधीन था। असम के लोगों ने अदालतों की भाषा के रूप में और अंग्रेजी शासन के बाद से आधिकारिक उद्देश्यों के लिए बंगाली भाषा के उपयोग का विरोध किया था। राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 के बाद, असम साहित्य सभा ने राज्य में असमिया को आधिकारिक भाषा के रूप में उपयोग करने की मांग की।
1960 में, असम राजभाषा अधिनियम को पारित किया गया, इसके द्वारा असम में एक आधिकारिक भाषा के रूप में असमिया भाषा को मान्यता दी गयी। इस अधिनियम में राज्य में भाषाई अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के प्रावधान भी शामिल हैं। 2019 में, असम मंत्रिमंडल ने असमिया को राजभाषा बनाने के लिए मंजूरी दी थी।
पृष्ठभूमि
जनगणना 2011 के अनुसार, असम राज्य में बोडो भाषा बोलने वाले 14.16 लाख से अधिक लोग हैं। वे राज्य की कुल आबादी का 4.53% हैं।
अन्य स्वीकृतियां
- कैबिनेट ने बोडो कचारी स्वायत्त परिषद की स्थापना को भी मंजूरी दी।यह भी जनवरी 2020 में हस्ताक्षरित बोडो समझौते का एक हिस्सा है।
- कैबिनेट ने सभीराष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारियों की सेवा आयु बढ़ाकर 60 वर्ष करने को भी मंजूरी दी है।
- कैबिनेट ने असम मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी सदस्यों के रूप में सेवारत डॉक्टरों के लिए कैरियर प्रगति योजना को मंजूरी दी।
- कैबिनेट ने ग्रामीण अवसंरचना विकास निधि के तहत नाबार्ड से 91 करोड़ रुपये के ऋण को भी मंजूरी दी।
Categories: राज्यों के करेंट अफेयर्स
Tags:Assam , Assam Official Language Amendment Bill , Bodo , Bodo Peace Accord , Bodo Territorial Area , Bodoland , असम , असम में आधिकारिक भाषा , राष्ट्रीय भाषा