आरबीआई ने वार्षिक रिपोर्ट-2021 जारी की
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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट प्रकाशित की और इसमें बैंकों की संपत्ति की गुणवत्ता और पर प्रकाश डाला गया है।
पृष्ठभूमि
आरबीआई ने अपनी अर्ध-वार्षिक वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में पहले भी प्रकाश डाला था कि सितंबर 2021 तक बेसलाइन तनाव परिदृश्य के तहत बैंकों का खराब ऋण अनुपात 13.5% तक बढ़ सकता है।
रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष
- अपनी रिपोर्ट में, आरबीआई ने आगाह किया कि “मार्च 2021 में गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (NPA) को वर्गीकृत करने पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा अंतरिम रोक हटाने के बाद बैंकों को ऋणदाता होने के नाते खराब ऋण की सही तस्वीर प्रदान करनी होगी।
- इसके अनुसार, मार्च-अगस्त 2020 के दौरान स्थगन के लिए चुने गए सभी ऋण खातों पर चक्रवृद्धि ब्याज की छूट से बैंकों के वित्तीय स्वास्थ्य पर दबाव पड़ेगा।
- बैंकों का सकल एनपीए अनुपात मार्च 2020 में 2% से घटकर दिसंबर 2020 में 6.8% हो गया।
- बैंकों का प्रावधान कवरेज अनुपात (Provision Coverage Ratio – PCR) मार्च 2020 में 6% से बढ़कर दिसंबर 2020 तक 75.5% हो गया।
- बैंकों का कैपिटल टू रिस्क-वेटेड एसेट रेशियो (CRAR) दिसंबर 2020 तक बढ़कर 9% हो गया, मार्च में यह 14.8% था।
- गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों (NBFC) के लिए सकल एनपीए अनुपात मार्च में 8% से बढ़कर दिसंबर 2020 में 5.7% हो गया।
- एनबीएफसी का पूंजी पर्याप्तता अनुपात दिसंबर 2020 में 8% से बढ़कर मार्च में 23.7% हो गया।
Tags:NPA , RBI , गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां , भारतीय रिज़र्व बैंक