करेंसी चेस्ट (Currency Chest) क्या होती है?

करेंसी चेस्ट ऐसी जगहें हैं जहां RBI (भारतीय रिजर्व बैंक) बैंकों और एटीएम के लिए भेजे जाने वाले पैसे को रखता है। करेंसी चेस्ट विभिन्न बैंकों में स्थित हैं और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा प्रशासित हैं।

हाल ही में करेंसी चेस्ट ख़बरों में क्यों है?

चंडीगढ़ में एक्सिस बैंक की करेंसी चेस्ट से एक प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड ने 4.04 करोड़ रुपये लूट लिए है। इसके चलते करेंसी चेस्ट सुर्खियों में आ गया है।

करेंसी चेस्ट क्या है? (What is Currency Chest?)

करेंसी चेस्ट ऐसी जगहें हैं, जहां RBI एटीएम और बैंकों के लिए पैसे जमा करता है। RBI के प्रतिनिधि समय-समय पर इन करेंसी चेस्ट का निरीक्षण करते हैं। ये करेंसी चेस्ट पूरे देश में बैंकों में रखे गए हैं। करेंसी चेस्ट में पैसा आरबीआई का है और स्ट्रांग रूम में करेंसी चेस्ट के बाहर रखा पैसा बैंक का है।

जब भी RBI नए करेंसी नोट छापता है, तो वह सबसे पहले इन करेंसी चेस्ट में पहुंचाता है। करेंसी चेस्ट रखने वाले बैंक फिर उन्हें अन्य बैंकों में वितरित करेंगे।

घाटे को कौन पूरा करेगा?

अब, आरबीआई को चोरी के कारण नुकसान होने का खतरा है। चेस्ट में रखा हुआ पूरा पैसा RBI का है। अब सवाल उठता है कि नुकसान कौन उठाएगा? करेंसी चेस्ट रखने वाले बैंक को घाटा उठाना चाहिए। बैंक को RBI को एक धोखाधड़ी निगरानी रिपोर्ट भी प्रस्तुत करनी होगी।

करेंसी चेस्ट की सुरक्षा

RBI बैंक को सुरक्षा खर्चों की प्रतिपूर्ति करता है। इस प्रतिपूर्ति में एक बैंक से दूसरे बैंक में पैसे का परिवहन भी शामिल है। नकदी की सुरक्षा करना बैंकों की एकमात्र जिम्मेदारी है।

भारत में मुद्रा कैसे वितरित की जाती है?

  • भारत में RBI के 31 कार्यालय हैं। जब नई मुद्राएँ छपती हैं, तो RBI उन्हें इन कार्यालयों में भेजता है। फिर ये कार्यालय नोटों को करेंसी चेस्ट और छोटे सिक्के डिपो में भेजते हैं।
  • देश में 4,075 करेंसी चेस्ट हैं।
  • लगभग 3,746 बैंक छोटे सिक्का डिपो के रूप में कार्य करते हैं।

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