कानून मंत्रालय ने रक्षा सेवाओं में हड़ताल पर रोक लगाने के लिए अध्यादेश जारी किया
कानून मंत्रालय ने 30 जून, 2021 को आवश्यक रक्षा सेवा अध्यादेश (Essential Defence Services Ordinance) को अधिसूचित किया है। यह अध्यादेश आवश्यक रक्षा सेवाओं में लगे कर्मचारियों को किसी भी आंदोलन या हड़ताल में भाग लेने से रोकता है।
इस अध्यादेश को क्यों अधिसूचित किया गया?
आवश्यक रक्षा सेवा अध्यादेश 2021 को आयुध निर्माणी बोर्ड (Ordnance Factory Board – OFB) के 76,000 कर्मचारियों से संबद्ध प्रमुख संघों की पृष्ठभूमि में अधिसूचित किया गया था, जिन्होंने घोषणा की थी कि वे OFB को निगमित करने के सरकार के फैसले के विरोध में 26 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे।
अध्यादेश के प्रावधान
- इस अध्यादेश के तहत हड़ताल को अवैध बना दिया गया है।इन प्रावधानों के अनुसार, कोई भी व्यक्ति जो हड़ताल शुरू करता है या ऐसी किसी भी हड़ताल में भाग लेता है, उसे एक वर्ष तक के कारावास या 10,000 रुपये तक के जुर्माने या दोनों से दंडित किया जा सकता है।
- दूसरों को हड़ताल में भाग लेने के लिए उकसाने या उकसाने वाले व्यक्ति को भी दो साल तक की कैद और जुर्माने से दंडित किया जा सकता है।
- इस अध्यादेश के तहत निगमीकरण के बाद भी OFB के कर्मचारियों की सेवा शर्तों में कोई बदलाव नहीं होगा।इस निर्णय का उद्देश्य भारत के रक्षा विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देना है।
प्रावधानों के तहत किसे कवर किया जाएगा?
इस अधिसूचना के अनुसार रक्षा उपकरण, सेवाओं और संचालन के उत्पादन में शामिल कर्मचारी; सेना से जुड़े औद्योगिक प्रतिष्ठानों का रखरखाव और रक्षा उत्पादों की मरम्मत और रखरखाव अध्यादेश के दायरे में आएगा।
OFB का निगमीकरण
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जून 2021 में लगभग 200 साल पुराने आयुध निर्माणी बोर्ड के पुनर्गठन के एक लंबे समय से लंबित प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। इससे पहले, OFB 41 गोला-बारूद और सैन्य उपकरण उत्पादन सुविधाओं का संचालन कर रहा था, जिसे अब सात सरकारी स्वामित्व वाले निगमों में गठित किया जायेगा।
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