क्या कोरोना के लिए दो अलग-अलग टीके लगाये जा सकते हैं?
टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (National Technical Advisory Group on Immunization – NTAGI) के तहत कोविड-19 कार्यकारी समूह के अध्यक्ष डॉ. एन.के. अरोड़ा (Dr. N.K. Arora) के अनुसार, भारत जल्द ही कोविड टीकों की दो अलग-अलग खुराक के मिश्रण की व्यवहार्यता (feasibility) के लिए परीक्षण शुरू कर सकता है कि यह वायरस के खिलाफ प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को बढ़ाने में मदद करता है या नहीं नहीं।
मुख्य बिंदु
- इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति दो अलग-अलग टीके ले सकता है, यह वैज्ञानिक और सैद्धांतिक रूप से संभव है।हालांकि, ऐसा करना वैज्ञानिक परीक्षण पर आधारित एक उभरती हुई स्थिति है।
- कई देशों ने भी COVID-19 टीकों को बदलने की प्रभावकारिता का परीक्षण शुरू कर दिया है।
- जनवरी 2021 में, ब्रिटेन ने “वैक्सीन की कमी” जैसे दुर्लभ अवसरों पर लोगों को दूसरी खुराक के लिए एक अलग टीका देने की अनुमति दी थी।
पृष्ठभूमि
हाल ही में, 12 मई को ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के नेतृत्व वाले अध्ययन के अनुसार जिन लोगों को फाइजर का टीका मिला है, उसके बाद एस्ट्राजेनेका की खुराक दी गयी, उनके हल्के या मध्यम सामान्य पोस्ट-टीकाकरण लक्षण दिखाने की संभावना है।
राष्ट्रीय टीकाकरण तकनीकी सलाहकार समूह (NITAG)
NITAG एक सलाहकार समिति है जिसमें विशेषज्ञों के बहु-विषयक समूह शामिल हैं। वे सरकार को जानकारी प्रदान करने में मदद करते हैं ताकि टीके और टीकाकरण नीति के संबंध में साक्ष्य-आधारित निर्णय लिए जा सकें। ऐसे समूह कई औद्योगीकृत और विकसित देशों द्वारा टीकाकरण नीतियों का मार्गदर्शन करने के लिए स्थापित किए गए हैं।
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