क्या भारत सरकार शुरू करेगी भारतीय पर्यावरण सेवा (Indian Environment Service)?
21 जनवरी, 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि क्या वह भारत के नौकरशाही ढांचे में एक समर्पित भारतीय पर्यावरण सेवा (Indian Environment Service) की योजना बना रही है।
मुख्य बिंदु
- 2014 में, पूर्व कैबिनेट सचिव टी.एस.आर. सुब्रमण्यम की अध्यक्षता वाली एक समिति ने भारतीय पर्यावरण सेवा स्थापित करने की सिफारिश की थी।
- अखिल भारतीय स्तर पर एक स्वतंत्र भारतीय पर्यावरण सेवा के निर्माण के लिए एक वकील समर विजय सिंह द्वारा याचिका दायर की गई थी।
- हालांकि, प्रथम दृष्टया यह संदेहास्पद है कि क्या परमादेश (mandamus) जारी किया जा सकता है। हालांकि, इस बात की जांच की जा सकती है कि क्या सरकार टी.एस.आर. सुब्रमण्यम समिति की सिफारिश का पालन करने का प्रस्ताव रखती है।
टी.एस.आर. सुब्रमण्यम समिति (TSR Subramanian Committee)
टी.एस.आर. सुब्रमण्यम समिति का गठन अगस्त 2014 में सुब्रमण्यम की अध्यक्षता में किया गया था। इसका गठन पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा भारत में पर्यावरण कानूनों की समीक्षा करने के साथ-साथ उन्हें वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप लाने के लिए किया गया था। इस समिति ने 18 नवंबर 2014 को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। इस समिति ने कहा था कि भारत में एक मजबूत पर्यावरण नीति और विधायी ढांचा था, लेकिन इसे कमजोर रूप से लागू किया गया है। कमजोर कार्यान्वयन के परिणामस्वरूप संरक्षण विशेषज्ञों और न्यायपालिका द्वारा पर्यावरण शासन की आलोचना की गई है।
भारतीय पर्यावरण सेवा (Indian Environment Service)
इस समिति ने अखिल भारतीय सेवा के रूप में एक भारतीय पर्यावरण सेवा स्थापित करने की सिफारिश की थी। इसे MoEF&CC या DoPT या UPSC द्वारा निर्धारित योग्यता और अन्य विवरणों के आधार पर बनाया जा सकता है। समिति ने इस उद्देश्य के लिए आवश्यक संस्थागत ढांचे के निर्माण का भी प्रस्ताव रखा था।
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