खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए पीएलआई योजना के लिए दिशानिर्देश जारी किये गये
भारत सरकार ने हाल ही में की “उत्पादन लिंक्ड योजना” (Production Linked Incentive Scheme) के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। भारत सरकार ने इससे पहले “आत्म निर्भार भारत” के तहत 10,900 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ खाद्य प्रसंस्करण के लिए पीएलआई योजना को मंजूरी दी थी। यह योजना 2021-22 और 2026-27 के बीच लागू की जाएगी।
दिशानिर्देश में श्रेणियाँ
दिशानिर्देशों ने योजना के आवेदकों को निम्नलिखित श्रेणियों में विभाजित किया है:
श्रेणी 1 : ये आवेदक बड़ी संस्थाएं हैं जो बिक्री और निवेश मानदंडों के आधार पर प्रोत्साहन के लिए आवेदन करती हैं। ये आवेदक विदेशों में ब्रांडिंग और विपणन गतिविधियों का कार्य करेंगे। वे अनुदान के लिए भी आवेदन करेंगे।
श्रेणी 2: ये आवेदक लघु और मध्यम उद्यमों से संबंधित हैं। वे नवीन उत्पादों का निर्माण करते हैं। वे अपनी बिक्री के आधार पर योजना के तहत अनुदान के लिए आवेदन कर सकते हैं।
श्रेणी 3 : यह वे आवेदक हैं जो विदेशों में ब्रांडिंग और विपणन गतिविधियों को शुरू करने के लिए अनुदान के लिए आवेदन करते हैं।
दिशा-निर्देश
- पीएलआई योजना के तहत बिक्री आधारित प्रोत्साहन का भुगतान 2021-22 और 2026-27 के बीच छह वर्षों के लिए किया जाएगा।
- वृद्धिशील बिक्री की गणना करने के लिए आधार वर्ष 2019-20 और पांचवें और छठे वर्ष के लिए आधार वर्ष क्रमशः 2021-22 और 2022-23 होना चाहिए।
आवेदन का चयन
आवेदकों के चयन के लिए निम्नलिखित दिशा-निर्देश दिए गए हैं:
- श्रेणी I आवेदकों को उनकी बिक्री, प्रतिबद्ध निवेश और निर्यात के आधार पर चुना जाता है।इसके तहत चार उत्पाद खंड हैं जिन्हें योजना के तहत प्रोत्साहन दिया जायेगा। वे बाजरा-आधारित खाद्य पदार्थ, समुद्री उत्पाद, प्रसंस्कृत फल और सब्जियां और मोज़ेरेला चीज़ इत्यादि हैं।
- श्रेणी II के तहत आवेदकों का चयन उनके अभिनव प्रस्ताव, उत्पाद की विशिष्टता आदि के आधार पर किया जाता है।
- श्रेणी III के तहत आवेदकों का चयन उनके ब्रांड की मान्यता के स्तर, उत्पादन, रणनीति, बिक्री, निर्यात बाजार आदि के आधार पर किया जाता है।
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