गन्ना, कपास, जूट किसानों के लिए प्रोत्साहन (incentive) को मंज़ूरी दी गई

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (Cabinet Committee on Economic Affairs – CCEA) ने कपास, गन्ना और जूट के किसानों को समर्थन देने के लिए कई उपायों को मंजूरी दी।

मुख्य बिंदु

  • CCEA ने पेट्रोल में मिलाने के लिए गन्ने के रस से निकाले गए इथेनॉल की कीमत बढ़ा दी है।
  • पेट्रोल के साथ इथेनॉल सम्मिश्रण 2022 तक 10% और 2025 तक 20% तक पहुंचने की उम्मीद है।
  • CCEA ने सी-हैवी मोलासेस से निकाले गए एथेनॉल की दर भी बढ़ा दी है।
  • तेल विपणन कंपनियां सरकार द्वारा निर्धारित दर पर डिस्टिलरी और चीनी मिलों से इथेनॉल खरीदती हैं।
  • इथेनॉल सम्मिश्रण कार्यक्रम ने कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता को कम किया है।

CCI को मूल्य समर्थन

CCEA ने कॉटन कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (CCI) के लिए 17,408.85 करोड़ रुपये के प्रतिबद्ध मूल्य समर्थन (committed price support) को भी मंजूरी दी। पिछले सात वर्षों में किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर फसलों की खरीद में हुए नुकसान की प्रतिपूर्ति के रूप में मूल्य समर्थन प्रदान किया जाएगा।

पैकेजिंग में पटसन के लिए मानदंड

CCEA ने पैकेजिंग में जूट के अनिवार्य उपयोग के लिए आरक्षण मानदंडों को मंजूरी दी। इस मंजूरी के बाद शत-प्रतिशत खाद्यान्न और 20% चीनी को जूट की बोरियों में पैक करना आवश्यक है।

कॉटन कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (CCI)

कॉटन कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड कपास के व्यापार, खरीद और निर्यात से संबंधित विविध गतिविधियों में कार्यरत्त है। यह एक सार्वजनिक क्षेत्र की एजेंसी है जो उद्योग के विभिन्न घटकों में कपास के समान वितरण के लिए जिम्मेदार है। CCI को कंपनी अधिनियम 1956 के तहत 31 जुलाई, 1970 को निगमित किया गया था।

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