ग्रेटर टिपरालैंड क्या है? (What is Greater Tipraland?)

ग्रेटर टिपरालैंड (Greater Tipraland) त्रिपुरा का एक क्षेत्र है। कई आदिवासी इस क्षेत्र को अलग राज्य बनाने की मांग कर रहे हैं।

मामला क्या है?

त्रिपुरा में 19 अधिसूचित अनुसूचित जनजातियां हैं। इनमें 5.92 लाख त्रिपुरी, 1.88 लाख रियांग हैं। ये तीन आदिवासी समूह राज्य के प्रमुख आदिवासी हैं। कुछ छोटे आदिवासी समूहों ने हाथ मिला लिया है और टिपरा मोथा (Tirpaha Indigenous Regional Alliance) और IPFT (Indigenous People’s Front of Tripura) राजनीतिक दलों का गठन किया है। ये पार्टियां अब तर्क दे रही हैं कि वे अपने “अस्तित्व” के लिए एक अलग राज्य चाहते हैं।

संवैधानिक वैधता

उनका दावा है कि वे संविधान के अनुच्छेद 2 और अनुच्छेद 3 के तहत मांग कर रहे हैं। संविधान का अनुच्छेद 2 कहता है कि “संसद नए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की स्थापना की अनुमति देगी और भारतीय संघ में नए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रवेश की भी अनुमति देगी”। अनुच्छेद 3 कहता है कि “संसद किसी राज्य के क्षेत्र में वृद्धि या कमी करेगी”।

मामला सामने क्यों आया?

त्रिपुरा पर 13वीं शताब्दी के अंत से 1949 में भारत सरकार के साथ विलय के दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने तक माणिक्य वंश (Manikya Dynasty) का शासन था । विलय का दस्तावेज स्वतंत्रता के बाद भारत संघ में प्रवेश करने के लिए भारतीय राज्यों द्वारा हस्ताक्षरित दस्तावेज है। समय के साथ, इस क्षेत्र की कुछ स्वदेशी जनजातियाँ राज्य में अल्पसंख्यक हो गई हैं। यह मुख्य रूप से 1971 के युद्ध के दौरान पूर्वी पाकिस्तान से बंगालियों के विस्थापन के कारण हुआ। 1881 में राज्य में आदिवासियों की आबादी 63.77% थी। 2011 में यह संख्या घटकर 31.8% हो गई।

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