चंद्रयान 2 (Chandrayaan 2) के ऑर्बिटर ने चंद्रमा पर पानी के अणुओं की खोज की
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चंद्रयान-2 ऑर्बिटर ने चंद्रमा की सतह पर पानी के अणुओं का पता लगाया है।
मुख्य बिंदु
- शोधकर्ताओं के अनुसार, चंद्रमा पर 29 डिग्री उत्तर और 62 डिग्री उत्तरी अक्षांशों के बीच व्यापक चंद्र जलयोजन (lunar hydration) और OH तथा H2O का पता लगाया है।
- इन निष्कर्षों को इसरो के पूर्व अध्यक्ष ए.एस. किरण कुमार द्वारा लिखित करंट साइंस जर्नल (Current Science Journal) में प्रकाशित किया गया था।
चंद्रमा पर जल अणु (Water Molecule on Moon)
- शोधकर्ताओं के अनुसार, हाइड्रॉक्सिल या पानी के अणुओं का निर्माण अंतरिक्ष अपक्षय (space weathering) नामक प्रक्रिया के कारण होता है। यह प्रक्रिया तब पूरी होती है जब चंद्र सतह पर सौर हवाएं चलती हैं।
अध्ययन का महत्व
संसाधन उपयोग के लिए भविष्य में ग्रहों की खोज के लिए यह अध्ययन महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि आने वाले वर्षों के लिए कई अंतर्राष्ट्रीय मिशन चंद्रमा के लिए लांच किये जायेंगे।
चंद्रयान-2 मिशन (Chandrayaan-2 Mission)
इसरो ने 2019 में अपना चंद्रयान-2 मिशन लॉन्च किया था। लैंडर के क्षतिग्रस्त होने पर इसे एक दुखद दुर्घटना का सामना करना पड़ा। हालांकि, इसके ऑर्बिटर ने नई खोजों में मदद की है। इस मिशन का उद्देश्य न केवल चंद्रमा के एक क्षेत्र का अध्ययन करना है, बल्कि एक्सोस्फीयर के साथ-साथ चंद्रमा की सतह और उप-सतह को मिलाने वाले क्षेत्रों का भी अध्ययन करना है।
चंद्रयान-1 मिशन
इस मिशन ने पहले ही चांद की सतह पर पानी की मौजूदगी की पुष्टि कर दी थी। हालांकि, सीमित वर्णक्रमीय कवरेज (spectral coverage) के कारण, जलयोजन (hydration) की सटीक प्रकृति का पता नहीं लगाया जा सका।
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