चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) लैंडर ने महत्वपूर्ण परीक्षण पास किया
चंद्रयान 3 (Chandrayaan-3) भारत का तीसरा चंद्र मिशन है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने हाल ही में घोषणा की कि लैंडर का EMI-EMC परीक्षण सफल रहा। EMI-EMC विद्युतचुंबकीय परीक्षण हैं। इस परीक्षण के दौरान, लैंडर की जाँच की जाती है कि क्या उसका संचालन आस-पास के वातावरण में EM (विद्युतचुंबकीय) हस्तक्षेप पैदा कर रहा है।
EMI-EMC टेस्ट क्या है?
EMI का अर्थ Electro Magnetic Interference टेस्ट है और EMC का अर्थ Electro Magnetic Compatibility टेस्ट है। सफल लैंडिंग और संचालन के लिए, यह आवश्यक है कि लैंडर का हिस्सा EMI और EMC परीक्षणों को पास करे।
महत्व
यदि लैंडर ने परीक्षण को पास नहीं किया या यदि परीक्षण आंशिक रूप से पूरा हुआ, तो पूरा चंद्रयान 3 व्यर्थ जा सकता है। विद्युत चुम्बकीय तरंगों को अवरुद्ध करना किसी भी इलेक्ट्रॉनिक घटक के लिए आवश्यक है। इसके अलावा, घटक को किसी भी विद्युत चुम्बकीय तरंगों का उत्सर्जन नहीं करना चाहिए। यदि यह EM तरंगों को उत्सर्जित करता है या अवरुद्ध नहीं करता है, तो घटक में प्राप्त, भेजी या उत्पादित ऊर्जा और सिग्नल बाधित हो जाते हैं। गलत संचार होता है और मिशन विफल हो जाता है। संभवत: इसी वजह से चंद्रयान 2 लैंडर चंद्रमा की सतह पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
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