चार धाम यात्रा (Char Dham Yatra) को स्थगित किया गया
भारत सरकार ने हाल ही में COVID-19 मामलों में वृद्धि के कारण चार धाम यात्रा (Char Dham Yatra) स्थगित कर दी है। केवल पुजारियों को दैनिक पूजा और अनुष्ठान करने की अनुमति दी गयी है। केदारनाथ को 17 मई को, गंगोत्री और यमुनोत्री को 14 मई को और बद्रीनाथ को 18 मई को फिर से खोला जायेगा।
चार धाम यात्रा (Char Dham Yatra)
चार धाम यात्रा उत्तराखंड में चार पवित्र स्थानों की यात्रा है। वे गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ हैं। हिंदू धर्म के इन चार पवित्र स्थानों को एक राजमार्ग के माध्यम से जोड़ा जायेगा। हाईवे का निर्माण चार धाम महामार्ग विकास परियोजना या चार धाम राजमार्ग के तहत किया जा रहा है।
चार धाम परियाजना (Char Dham Pariyojana)
इस परियोजना के तहत, सड़कों को 12 मीटर से 24 मीटर तक चौड़ा किया जायेगा। इसमें बाईपास, सुरंग, पुल, पुल और सब-वे शामिल होंगे।
चिंताएं
- धर्मस्थलों की पहुंच में सुधार के लिए सड़कों को चौड़ा किया जा रहा है।हालांकि, ये क्षेत्र सूखे पर्णपाती बायोम (dry deciduous biome) के तहत हैं। परियोजना सड़कों को चौड़ा करने की प्रक्रिया में वनस्पति को नष्ट कर सकती है। यह जैव विविधता के लिए खतरनाक हो सकता है।
- इन क्षेत्रों में नदी का ढलान वनस्पति पर अत्यधिक निर्भर है।उन्हें उखाड़ने से भूस्खलन और बाढ़ आ सकती है।
परियोजना के कारण वन हानि
- गैर-वानिकी उद्देश्य के लिए लगभग66 हेक्टेयर वन क्षेत्र को मोड़ दिया जायेगा। 33,000 से 43,000 से अधिक पेड़ों को काट दिया जाएगा।
- वर्तमान में, उत्तराखंड का वन कवर प्रति वर्ष 23 हेक्टेयर की दर से बढ़ रहा है। अगर यह दर बनी रहती है तो नुकसान को ठीक होने में 40-45 साल लग जाएंगे।
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