परमाणु वैज्ञानिक श्रीकुमार बनर्जी (Srikumar Banerjee) का निधन

परमाणु वैज्ञानिक और परमाणु ऊर्जा आयोग (Atomic Energy Commission) के पूर्व अध्यक्ष श्री कुमार बनर्जी (Srikumar Banerjee ) का 23 मई, 2021 को 75 वर्ष की आयु में COVID-19 से उबरने के बाद दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।

श्रीकुमार बनर्जी कौन थे? (Who was Srikumar Banerjee?)

वह एक अनुभवी परमाणु वैज्ञानिक थे जिन्होंने परमाणु प्रतिष्ठान का नेतृत्व किया जब भारत और अमेरिका ने अपने परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर किए और परमाणु क्षति विधेयक के लिए नागरिक दायित्व कानून (Civil Liability for Nuclear Damage Bill) बनाया।

पृष्ठभूमि

वे IIT, खड़गपुर से धातु विज्ञान में B. Tech पूरा करने के बाद 1968 में भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) के धातुकर्म विभाग में शामिल हुए थे। 1974 में, उन्हें BARC में उनके काम के लिए पीएचडी से प्रदान की गयी। वह 2004 से 2010 तक BARC (Bhabha Atomic Research Centre) के निदेशक थे। उन्हें परमाणु प्रक्रियाओं में विशेष मिश्र धातुओं के उपयोग का व्यापक ज्ञान था।

परमाणु ऊर्जा में उनका योगदान

श्रीकुमार ने भारत में परमाणु ऊर्जा की स्थापना का नेतृत्व किया था, जब राजनीतिक और विशेषज्ञ बिरादरी संदेह में थी कि भारत अपनी परमाणु स्वायत्तता खो देगा यदि उसने अमेरिका के साथ 123 संधि (123 Pact) या अमेरिका-इंडिया असैनिक परमाणु समझौते (US – India Civil Nuclear Agreement) पर हस्ताक्षर किए। लेकिन उन्हें विश्वास था कि इससे भारत को फायदा होगा।

पुरस्कार

उन्हें 1989 में “विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार” से सम्मानित किया गया था और 2005 में उन्हें पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

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