पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbances) क्या हैं?

हाल ही में पश्चिमी विक्षोभ के कारण जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बर्फबारी हुई और दिल्ली के तापमान में तेजी से गिरावट आई। इसके अलावा कई अन्य राज्यों में, पश्चिमी विक्षोभ ने धुंध की स्थिति पैदा की है। पश्चिमी विक्षोभ अक्सर विभिन्न मौसमी परिस्थितियों के ख़बरों में रहता है।

पश्चिमी विक्षोभ क्या हैं?

यह पश्चिमी से दुनिया के पूर्वी हिस्से तक जाता है। विक्षोभ का मतलब है कम (अशांत) वायु दबाव वाला क्षेत्र। पश्चिमी विक्षोभ उपोष्णकटिबंधीय तूफान हैं जो भूमध्यसागरीय क्षेत्र में उत्पन्न होते हैं। यह हवाएँ 43 किमी / घंटे की गति से चलती हैं।  हिमालय पर्वत श्रृंखला पश्चिमी विक्षोभ के मार्ग को बाधित करती है।

पश्चिमी विक्षोभ वेस्टरलीज़ (पश्चिम से पूर्व की ओर बहने वाली हवाएं) द्वारा संचालित होते हैं। पश्चिमी विक्षोभ निम्न दबाव का एक क्षेत्र है जिसके कारण उत्तर-पश्चिमी भारत में अचानक बारिश, बर्फबारी और कोहरे की स्थिति उत्पन्न होती है। शीतकाल में औसतन चार से पांच पश्चिमी विक्षोभ आते हैं।

पश्चिमी विक्षोभ का महत्व

पश्चिमी विक्षोभ के कारण उत्तर-पश्चिमी भारत में मध्यम से भारी बारिश होती है। यह बारिश रबी फसलों के लिए बेहद उपयोगी होती है, इससे देश में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होती है। गौरतलब है कि कई बार पश्चिमी विक्षोभ के कारण अत्यधिक वर्षा भी होतीहै जिससे फसल को नुकसान होता है और बाढ़ व हिमस्खलन की घटनाएँ भी होती हैं।

मानसून और पश्चिमी विक्षोभ

भारत में पश्चिमी विक्षोभ की संख्या सर्दियों के बाद कम हो जाती है। दक्षिण पश्चिम मानसून पूर्व से पश्चिम की ओर बढ़ता है। जब दक्षिण पश्चिम मानसून और पश्चिमी विक्षोभ मिलते हैं, तो घने बादल छाए रहते हैं और भारी वर्षा होती है। 2013 में उत्तर भारत की बाढ़, जिसने पांच हजार से अधिक लोगों की जान ले ली, दक्षिण पश्चिम मानसून और पश्चिमी विक्षोभ के मिलाप का कारण थी।

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