फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गणना कैसे की जाती है?

फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) निर्धारित करने के लिए 1.5 गुना सूत्र का इस्तेमाल किया जाता है। यह केंद्रीय बजट 2018-19 के दौरान पेश किया गया था। इस फार्मूले के अनुसार, एमएसपी को फसलों की उत्पादन लागत से 1.5 गुना अधिक के रूप में निर्धारित किया जाता है। इस फॉर्मूले के तहत, कृषि लागत और मूल्य आयोग (एमएसपी का निर्धारण करने वाला आयोग) को केवल एक सीजन के लिए उत्पादन लागत का निर्धारण करना है और यह फार्मूला लागू करना है।

मुख्य बिंदु

1 दिसंबर, 2020 को भारत सरकार और किसान यूनियनों के बीच बातचीत समाधान तक पहुंचने में विफल रही। वार्ता के दौरान, किसानों ने विद्युत संशोधन विधेयक 2020 और तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की अपनी मांग को वापस से इनकार कर दिया । वार्ता में मुख्य असहमति न्यूनतम समर्थन मूल्य के कारण है। किसानों को डर है कि नए कानून न्यूनतम समर्थन मूल्य को समाप्त कर देंगे।

फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य कैसे तय होता है?

हर साल कृषि मंत्रालय के तहत संचालित कृषि लागत और मूल्य आयोग 23 फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की सिफारिश करता है। इसमें मानसून या खरीफ के मौसम के दौरान उत्पन्न होने वाली 14 फसलें और सर्दियों या रबी मौसम में उगाई जाने वाली छह फसलें शामिल हैं। कीमतों को तय करते समय कृषि लागत और मूल्य आयोग कई कारकों पर विचार करता है जैसे कि बाजार मूल्य रुझान, आपूर्ति और वस्तु की मांग, मुद्रास्फीति, गैर-कृषि क्षेत्र और कृषि क्षेत्र, पर्यावरण (मिट्टी और पानी) और खेत की लागत इत्यादि।

2018-19 के केंद्रीय बजट के दौरान, यह घोषणा की गई थी कि फसलों की उत्पादन लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया जाएगा। सरल शब्दों में अब कृषि लागत और मूल्य आयोग का एकमात्र काम सीजन के लिए फसलों की उत्पादन लागत का अनुमान लगाना और 1.5 गुना फार्मूला लागू करना और न्यूनतम समर्थन मूल्य की सिफारिश करना है।

उत्पादन लागत की गणना कैसे की जाती है?

कृषि लागत और मूल्य आयोग कोई भी क्षेत्र आधारित लागत अनुमान नहीं लगाता है। दूसरी ओर, यह केवल फसल विशिष्ट और राज्य विशिष्ट उत्पादन लागत अनुमानों का उपयोग करके अनुमान लगाता है। यह डेटा कृषि मंत्रालय के अंतर्गत अर्थशास्त्र और सांख्यिकी निदेशालय द्वारा प्रदान किया जाता है। हालाँकि इस डेटा में 3 साल का अंतराल है और इसे आमतौर अपडेट नहीं किया जाता है।

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