बजट 2021 : 3.05 ट्रिलियन रुपये के बिजली वितरण सुधार कार्यक्रम की घोषणा की गयी
भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2021 पेश करते हुए 3.05 ट्रिलियन रुपये के बिजली वितरण सुधार कार्यक्रम की घोषणा की।
मुख्य बिंदु
- बिजली वितरण कार्यक्रम घाटे को कम करने में मदद करेगा और बिजली वितरण कंपनियों (DISCOMs) की दक्षता में सुधार करेगा।
- उपभोक्ताओं को बिजली अपनी पसंद का आपूर्तिकर्ता चुनने के लिए एक फ्रेमवर्क की घोषणा की गयी।
- सरकार बिजली (संशोधन) विधेयक, 2021 को पेश करने पर भी विचार कर रही है।
- प्रतियोगिता लाने के लिए बिजली वितरण व्यवसाय के “डी-लाइसेंसिंग” जैसे उपायों पर भी विचार किया जा रहा है।
अटल वितरण प्रणाली में सुधार योजना (Atal Distribution System Improvement Yojana)
- एक रिफॉर्म-लिंक्ड और रिजल्ट-बेस्ड योजना है जो एकीकृत बिजली विकास योजना और दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना जैसे कार्यक्रमों को पूरा करेगी।
- मौजूदा स्तर के 12-15% तक बिजली के नुकसान को कम करने के लिए बिजली डिस्कॉम की मदद करने के उद्देश्य से यह योजना तैयार की जा रही है।
- इस योजना का उद्देश्य बिजली की लागत और आपूर्ति मूल्य के बीच घाटे को कम करना है।
- यह योजना चरणबद्ध तरीके से काम करेगी।
- इस योजना में वितरण फीडरों से लेकर उपभोक्ता स्तर तक वितरण क्षेत्र में एक अनिवार्य स्मार्ट मीटरिंग पारिस्थितिकी तंत्र शामिल है।
- इसके अलावा कृषि और ग्रामीण घरेलू उपभोग के लिए अलग फीडर जैसे उपाय भी किए जाएंगे।
- बिजली वितरण श्रृंखला में एक अनिवार्य प्रीपेड और स्मार्ट मीटरिंग घटक भी लागू किया जाएगा।यह 250 मिलियन घरों के लिए भी लागू किया जाएगा।
यह योजना क्यों शुरू की गई है?
Power DISCOMs बिजली मूल्य श्रृंखला की सबसे कमजोर कड़ी है। वे आमतौर पर कम संग्रह, अपर्याप्त टैरिफ बढ़ोतरी, बिजली खरीद लागत में वृद्धि और सब्सिडी संवितरण जैसी चुनौतियों का सामना करते हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2018-19 में DISCOMs सेक्टर के लिए कुल घाटा 85,000 करोड़ था।
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