बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक में कृत्रिम बर्फ : मुख्य बिंदु

चीन पहला देश है जो ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन दोनों ओलंपिक खेलों की मेजबानी करेगा। चीन 2022 में होने वाले शीतकालीन ओलंपिक के लिए कृत्रिम बर्फ बना रहा है।

कृत्रिम बर्फ क्यों?

चीन ओलंपिक खेलों के स्नो बोर्डिंग, स्की जंपिंग स्थलों पर कृत्रिम बर्फ बनाएगा। झांगजियाकौ में क्रॉस कंट्री, बायथलॉन, नॉर्डिक, फ्रीस्टाइल और स्नो बोर्डिंग गेम्स आयोजित किए जायेंगे। यह मेजबान शहर से 100 मील दूर है और एक स्की गंतव्य है। यहां तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस से भी नीचे चला जाता है। हालांकि बर्फबारी कम हुई है। पहले यहां भारी बर्फबारी होती थी। अब यह घटकर मिली मीटर में रह गई है। ओलंपिक मामूली बर्फबारी पर निर्भर नहीं रह सकता। इस प्रकार, कृत्रिम बर्फ का निर्माण किया जायेगा। ग्लाइडिंग गेम्स के लिए कृत्रिम बर्फ महत्वपूर्ण है।

इतिहास

ओलंपिक में पहली बार बर्फ बनाने का कार्य 1980 में लेक प्लासिड के ऊपर किया गया था। 2014 में, सोची (रूस) ने कृत्रिम बर्फ का इस्तेमाल किया।

चिंताएं

कृत्रिम बर्फ की घोषणा के साथ ही देश हरित और स्वच्छ ओलंपिक को लेकर सवाल उठा रहे हैं। इससे पहले चीन ने ओलंपिक को हरा-भरा और स्वच्छ बनाने का वादा किया था।  चीन के ग्लेशियर पिघल रहे हैं और उसके प्राकृतिक जल संसाधन घट रहे हैं। 1950 के बाद से चीन ने बर्फ का पांचवां हिस्सा खो दिया है।

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