महाराष्ट्र गौ सेवा आयोग विधेयक : मुख्य बिंदु
महाराष्ट्र गाय सेवा आयोग विधेयक (Maharashtra Cow Service Commission Bill) हाल ही में राज्य विधानसभा में पेश किया गया था, जिसका उद्देश्य स्वदेशी मवेशियों की नस्लों को बढ़ावा देना और उनकी रक्षा करना था।
मुख्य बिंदु
महाराष्ट्र गौ सेवा आयोग विधेयक को महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने राज्य विधानसभा में पेश किया। राज्य के बजट में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसकी घोषणा की थी।
आयोग की संरचना
महाराष्ट्र गाय सेवा आयोग 25 सदस्यीय निकाय होगा जिसमें पशुपालन और अन्य सरकारी विभागों के सदस्य शामिल होंगे। इसमें विभिन्न विश्वविद्यालयों और गैर सरकारी संगठनों के सदस्य भी होंगे।
आयोग की जिम्मेदारियां
यह आयोग स्वदेशी गायों, बैलों और बछड़ों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार होगा। यह देशी गायों के पालन और प्रजनन को बढ़ावा देगा और गाय आश्रयों के पंजीकरण और समग्र पर्यवेक्षण को भी संभालेगा। यह इस क्षेत्र में काम कर रहे वित्तीय संस्थानों को मजबूत करने और पशुओं के लिए चारागाहों और अच्छी गुणवत्ता वाले चारे के विकास के उपाय भी सुझाएगा।
मानदंडों के उल्लंघन के लिए जुर्माना
इस विधेयक के तहत, आयोग द्वारा निर्धारित मानदंडों का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
आयोग की भूमिका
महाराष्ट्र गाय सेवा आयोग विधेयक का उद्देश्य राज्य में देशी गायों के प्रजनन और पालन को बढ़ावा देना है। आयोग पशुओं के लिए चारागाहों और अच्छी गुणवत्ता वाले चारे के विकास में मदद करेगा। इसके अतिरिक्त, यह राज्य में गौ आश्रयों के पंजीकरण और पर्यवेक्षण में मदद करेगा।
विश्वविद्यालयों और गैर सरकारी संगठनों से समर्थन
आयोग में विभिन्न विश्वविद्यालयों और गैर सरकारी संगठनों के सदस्य होंगे। इससे यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि आयोग की पहल अच्छी तरह से सूचित और समावेशी हैं।
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