मुद्रा और वित्त पर RBI ने रिपोर्ट जारी की
3 मई को, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्तीय वर्ष (FY) 2022-23 के लिए मुद्रा और वित्त पर एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट की थीम ‘Towards a Greener Cleaner India’ है, जो कार्बन उत्सर्जन को कम करने और सतत विकास को बढ़ावा देने पर भारत के फोकस को दर्शाती है।
जलवायु परिवर्तन के आयाम
यह रिपोर्ट जलवायु परिवर्तन के चार प्रमुख पहलुओं को संबोधित करती है, जिसमें इसके असाधारण आकार और तेज़ी, व्यापक आर्थिक प्रभाव, वित्तीय स्थिरता निहितार्थ और जलवायु जोखिम को कम करने की रणनीति शामिल है।
भारत की हरित वित्तपोषण आवश्यकता और शुद्ध-शून्य लक्ष्य
2030 तक भारत की हरित वित्त पोषण आवश्यकता सालाना सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का कम से कम 2.5% होने का अनुमान है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत ने एक लक्षित और समयबद्ध जलवायु कार्य योजना शुरू की है, और जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक, 2023 के अनुसार देश वर्तमान में G-20 में सर्वश्रेष्ठ स्थान पर है। भारत का शुद्ध-शून्य लक्ष्य वर्ष 2070 है, और इसके लिए, देश को सकल घरेलू उत्पाद की ऊर्जा तीव्रता में सालाना लगभग 5% की त्वरित कमी और इसके ऊर्जा मिश्रण में एक महत्वपूर्ण सुधार की आवश्यकता होगी।
संतुलित नीतिगत हस्तक्षेप की जरूरत
RBI ने एक व्यापक नीतिगत हस्तक्षेप की आवश्यकता पर बल दिया, जो सभी नीति लीवरों में प्रगति सुनिश्चित करता है, ताकि भारत 2030 तक अपने हरित संक्रमण लक्ष्यों को पूरा कर सके और भविष्य में 2070 तक शुद्ध-शून्य लक्ष्य प्राप्त कर सके।
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