राकेट बनाने में अग्निकुल कॉसमॉस की सहायता करेगा इसरो
निजी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, चेन्नई स्थित रॉकेट स्टार्टअप अग्निकुल कॉसमॉस की मदद करेगा। यह कंपनी को अपने छोटे रॉकेट का परीक्षण करने में मदद करेगा, यह राकेट 100 किलोग्राम के उपग्रह को निम्न पृथ्वी की कक्षा में ले जा सकता है।
अग्निकुल कॉसमॉस एक निजी अन्तरिक्ष कंपनी है, इसकी शुरुआत 2017 में श्रीनाथ रविचंद्रन और मोईन एसपीएम ने की थी। गौरतलब है कि इस कंपनी ने मार्च 2020 में 23.4 करोड़ रुपये की प्री-सीरीज फंडिंग जुटाई थी।
भारत में एयरोस्पेस स्टार्ट-अप
भारत ने हाल ही में अपने स्पेस सेक्टर को निजी कंपनियों जैसे स्काईरुट, बेलाट्रिक्स और अग्निकुल के लिए खोला था। वे 3-डी प्रिंटेड इंजन के साथ छोटे लांचर का निर्माण कर रहे हैं। यह उपग्रह प्रक्षेपण की लागत को नीचे ला रहा है।
रिसर्च फर्म फ्रॉस्ट एंड सुलिवन अगले दशक में वैश्विक स्तर पर 10,000 से अधिक छोटे उपग्रहों को लॉन्च करने की है।
निजी क्षेत्र
जून 2020 में, भारत सरकार ने निजी क्षेत्रों के लिए दरवाजे खोलकर अंतरिक्ष क्षेत्र में एक बड़ा सुधार पेश किया। यह अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन को विकास गतिविधियों, अन्वेषण, नई प्रौद्योगिकियों, अन्वेषण मिशन और मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रमों पर अधिक ध्यान केंद्रित करने की अनुमति देगा।
निजी कंपनियों के लिए अंतरिक्ष के बुनियादी ढांचे का उपयोग करने के लिए सामान अवसर प्रदान करने के लिए Indian National Space Promotion and Authorisation Centre (IN-SPACe) बनाया गया था।
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