वित्त वर्ष 2021 में भारत का चालू खाता अधिशेष (Current Account Surplus) सकल घरेलू उत्पाद का 0.9% : RBI रिपोर्ट
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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत ने कोविड-19 महामारी के बीच वित्तीय वर्ष 2021 (FY21) में सकल घरेलू उत्पाद के 0.9% के चालू खाते का अधिशेष (current account surplus) दर्ज किया है। 2020 में, इसने वित्त वर्ष 2020 में चालू खाता घाटा 0.9 प्रतिशत दर्ज किया है।
रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष
- 2021 में मार्च तिमाही के लिए भारत का चालू खाता घाटा बढ़कर 1 बिलियन अमरीकी डालर या सकल घरेलू उत्पाद का 1% हो गया, जबकि 2020 में इसी अवधि के लिए सकल घरेलू उत्पाद का 0.6 बिलियन अमरीकी डालर या सकल घरेलू उत्पाद का 0.1 प्रतिशत था।
- भारत ने 2020 की दिसंबर तिमाही में 3 प्रतिशत की कमी दर्ज की।
- RBI के अनुसार, चालू खाते की शेष राशि अधिशेष क्षेत्र में पहुंच गई क्योंकि व्यापार घाटे में तेज संकुचन के कारण 2019-20 में यह 5 बिलियन डॉलर से 102.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।
- विदेशी निवेश आय भुगतान के बढ़ते खर्च और शुद्ध निजी हस्तांतरण प्राप्तियों में कमी के कारण वित्त वर्ष 21 में शुद्ध अदृश्य प्राप्तियां कम थीं।
- India Inc द्वारा बाहरी वाणिज्यिक उधार ने 2019-20 में 7 बिलियन के मुकाबले 0.2 बिलियन डालर की आमद दर्ज की।
- भारत ने भुगतान संतुलन (balance of payments) के आधार पर विदेशी मुद्रा भंडार में 3 बिलियन डालर की वृद्धि दर्ज की।
- उच्च व्यापार घाटा और कम निवल अदृश्य प्राप्तियों के कारण मार्च तिमाही में चालू खाता घाटा उच्च था।
- विदेशों में कार्यरत भारतीयों द्वारा प्रेषण का प्रतिनिधित्व करने वाली निजी हस्तांतरण प्राप्तियों में 9 बिलियन अमरीकी डॉलर की वृद्धि हुई है।यह 2020 के स्तर से 1.7% अधिक था।
FDI और FPI
2021 की मार्च तिमाही के दौरान शुद्ध FDI 2.7 बिलियन डॉलर था, जबकि 2020 में यह 12 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। शुद्ध विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI) 7.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर बढ़ा है।
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