संसद ने ‘National Bank for Financing Infrastructure and Development Bill, 2021’ पारित किया

25 मार्च, 2021 को राज्यसभा द्वारा इसे मंजूरी देने के बाद संसद ने “नेशनल बैंक फॉर फाइनेंसिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट बिल, 2021” (National Bank for Financing Infrastructure and Development Bill, 2021 or NBFID Bill) को पारित कर दिया। 24 मार्च 2021 को लोकसभा में यह बिल पारित किया गया था।

NBFID Bill

इस बिल में देश भर में ‘बुनियादी ढाँचे के वित्तपोषण’ का समर्थन करने के लिए बुनियादी ढाँचे और विकास के लिए एक नेशनल बैंक की स्थापना की व्यवस्था की गई है। NBFID एक प्रमुख विकास वित्तीय संस्थान (DFI) के रूप में काम करेगा। इसमें बांड और डेरिवेटिव बाजारों का विकास शामिल है जो बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण के लिए आवश्यक हैं।

नेशनल बैंक फॉर फाइनेंसिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट (National Bank for Financing Infrastructure and Development – NBFID)

NBFID एक कॉर्पोरेट वैधानिक निकाय के रूप में स्थापित किया जाएगा। इसमें वित्तीय और विकासात्मक उद्देश्यों के साथ एक लाख करोड़ रुपये की अधिकृत शेयर पूंजी होगी। यह बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण के पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेगा। NBFID संसद के प्रति जवाबदेह होगा। यह अध्यक्ष और बोर्ड नामित पेशेवरों द्वारा प्रबंधित किया जाएगा जिन्हें सरकार द्वारा नियुक्त किया जाएगा। NBFID के शेयरों को केंद्र सरकार, वित्तीय संस्थानों, पेंशन फंड्स, बीमाकर्ताओं, बहुपक्षीय संस्थानों, बैंकों, संप्रभु धन कोषों, और केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित अन्य संस्थान द्वारा लिया जा सकता है।

NBFID के वित्तीय उद्देश्य

वित्तीय उद्देश्यों में भारत में बुनियादी परियोजनाओं के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उधार देना, निवेश करना शामिल है।

NBFID के विकासात्मक उद्देश्य

विकास के उद्देश्यों में शामिल हैं- बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण के लिए बांड, ऋण और डेरिवेटिव के लिए बाजार का विकास करना।

विकास वित्तीय संस्थान (Development Financial Institution – DFI)

Development Financial Institution का गठन अर्थव्यवस्था के उन क्षेत्रों के लिए दीर्घकालिक वित्त प्रदान करने के लिए किया जाता है जहां शामिल जोखिम वाणिज्यिक बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों की स्वीकार्य सीमा से परे हैं। Development Financial Institution लोगों से जमा स्वीकार नहीं करते हैं। इसके बजाय, वे बाजार, सरकार और बहु-पार्श्व संस्थानों से फण्ड प्राप्त हैं।

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