16 अगस्त: पारसी नव वर्ष (Parsi New Year) 2022

पारसी नव वर्ष जुलाई या अगस्त के महीने में मनाया जाता है। इसे आमतौर पर नवरोज (Navroz) के नाम से जाना जाता है। यह पारसी समुदाय द्वारा शहंशाही कैलेंडर (Shahenshahi calenda) की तिथियों के अनुसार मनाया जाता है। वर्ष 2022 में 16 अगस्त को नवरोज मनाया जा रहा है।

नवरोज (Navroz)

  • नवरोज़ ने अपना नाम दो शब्दों, ‘नव’ और ‘रोज़’ से लिया है। अंग्रेजी में, इसका अर्थ है “नया दिन”।
  • यह दिन आमतौर पर गुजरात, महाराष्ट्र और गोवा में मनाया जाता है, क्योंकि अधिकांश पारसी आबादी इन राज्यों में रहती है।
  • इस दिन को मनाने के लिए लोग पारंपरिक पारसी व्यंजन तैयार करते हैं। वे गाते हैं, नाचते हैं और उत्साह के साथ नए साल में प्रवेश करते हैं।
  • पारसी कलैण्डर में यह दिन फरवारदीन (Farvardin) के पहले महीने के पहले दिन मनाया जाता है।

नवरोज का इतिहास

नवरोज की उत्पत्ति 3,500 और 3,000 ईसा पूर्व के बीच है। इस अवधि के दौरान, वर्तमान ईरान में पैगंबर जरथुस्त्र द्वारा पारसी धर्म की स्थापना की गई थी। पारसी दर्शन के अनुयायियों में, इस दिन को उस समय के रूप में माना जाता है जब ब्रह्मांड में सब कुछ नवीनीकृत हो जाता है। नवरोज शब्द जमशेद से जुड़ा है, जिसने पहली बार पारसी कैलेंडर पेश किया था। वह प्राचीन सासैनियन साम्राज्य का सम्राट था। नवरोज को जमशेद-ए-नौरोज़ भी कहा जाता है।

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