18 वर्ष से ऊपर की जनसंख्या के टीकाकरण की लागत जीडीपी के 0.36% के बराबर होगी: IndRa
India Ratings and Research (Ind-Ra) ने हाल ही में कहा कि 18 साल से अधिक उम्र के सभी भारतीयों को टीका लगाने की अनुमानित लागत 67,193 करोड़ रुपये होगी। यह देश की जीडीपी का 0.36% है।
मुख्य बिंदु
भारत सरकार ने हाल ही में COVID-19 वैक्सीन की उदार और त्वरित चरण 3 रणनीति की घोषणा की। नई रणनीति के अनुसार, 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी व्यक्ति COVID-19 टीकाकरण के लिए पात्र हैं। इसके साथ, टीकाकरण के लिए योग्य जनसंख्या का कुल आकार 84.19 करोड़ है। भारत की जनसंख्या 133.26 करोड़ है। इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च का कहना है कि 84.19 करोड़ लोगों को टीका लगाने के लिए 67,193 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। केंद्र सरकार लागत का 20,870 करोड़ रुपये और राज्य सरकार 46,323 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
अब तक खर्च की गई राशि
Ind-Ra में यह भी कहा गया है कि केंद्र सरकार ने भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से 21.4 करोड़ वैक्सीन खरीदने में 5,090 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। COVAXIN भारत बायोटेक और COVISHIELD से सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से खरीदा गया था।
राज्य और केंद्र सरकारों के बीच खरीद लागत को कैसे विभाजित किया जा सकता है?
यदि वैक्सीन की खरीद की लागत केंद्र और राज्य सरकारों के बीच विभाजित की जाती है, तो टीकाकरण पर केंद्र सरकार द्वारा खर्च की जाने वाली राशि जीडीपी का 0.12% होगी और राज्य सरकारों द्वारा खर्च की जाने वाली राशि जीडीपी का 0.24% होगी।
इसका सबसे ज्यादा असर बिहार पर होने की संभावना है। बिहार को अपने राज्य सकल घरेलू उत्पाद (एसजीडीपी) का 0.6% खर्च करना होगा, उत्तर प्रदेश को अपने एसजीडीपी का 0.47%, झारखंड द्वारा 0.37%, मणिपुर को 0.36%, असम को 0.35%, ओडिशा और मध्य प्रदेश को 0.35% खर्च करना होगा।
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