2020-21 के दौरान भारत का कृषि निर्यात 17.34% बढ़ा
2020-21 में भारत के कृषि और इससे सम्बंधित उत्पादों के निर्यात में 17.34% की वृद्धि हुई है। यह अब 41.25 बिलियन डालर के बराबर है।
मुख्य बिंदु
- वाणिज्य सचिव अनूप वाधवन के अनुसार, कृषि निर्यात में यह वृद्धि चालू वित्त वर्ष के दौरान भी बरकरार रहने की उम्मीद है।
- भारत ने अनाज, गेहूं, बाजरा, गैर-बासमती चावल, मक्का और अन्य मोटे अनाज के निर्यात में भारी वृद्धि दर्ज की।
- कई समूहों से पहली बार निर्यात हुआ है।उदाहरण के लिए, वाराणसी से ताजी सब्जियों और आमों का निर्यात और चंदौली से काला चावल।
- कृषि उत्पादों (समुद्री और वृक्षारोपण उत्पादों को छोड़कर) का निर्यात 2020-21 में 36% बढ़ा, जबकि 2019-20 में यह 23.23 बिलियन डालर था।
भारत के सबसे बड़े बाजार
भारत के कृषि उत्पादों के सबसे बड़े बाजार अमेरिका, चीन, बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, वियतनाम, सऊदी अरब, इंडोनेशिया, नेपाल, ईरान और मलेशिया हैं।
कृषि निर्यात नीति (Agri Export Policy)
महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु, नागालैंड, पंजाब, असम और कर्नाटक सहित लगभग 18 राज्यों ने कृषि निर्यात नीति को लागू करने के लिए अपनी विशिष्ट कार्य योजना को अंतिम रूप दिया है। इस नीति के अनुसार, निर्यात प्रोत्साहन के लिए 46 अद्वितीय उत्पाद-जिला समूहों की पहचान की गई है, जबकि 29 क्लस्टर स्तरीय समितियों का गठन किया गया है।
बाजार पहुंच
भारत ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में अनार; सर्बिया में संतरे; अर्जेंटीना में आम और बासमती चावल; उज्बेकिस्तान में आम, केला और सोयाबीन तेल, ईरान में गाजर के बीज; भूटान में गेहूं का आटा, बासमती चावल, और टमाटर, भिंडी और प्याज इत्यादि के लिए बाजार पहुंच हासिल की है।
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