2022 से हवाईअड्डों में इस्तेमाल की जाएगी फेस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी

हवाई यात्री 2022 से अपने बोर्डिंग पास के रूप में फेस स्कैन का उपयोग कर सकते हैं। यह सुविधा शुरू करने वाले पहले हवाई अड्डे कोलकाता, पुणे, वाराणसी और विजयवाड़ा हैं।

योजना

  • इस परियोजना को लागू करने के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा NEC Corporation Private Limited को चुना गया है।
  • फेस रिकग्निशन डेटा का विवरण डिजी यात्रा सेंट्रल इकोसिस्टम (Digi Yatra Central Ecosystem) में स्टोर किया जायेगा।
  • इस सेवा का लाभ उठाने के लिए, यात्री को मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से प्रस्थान करने वाले हवाई अड्डे के बायोमेट्रिक बोर्डिंग सिस्टम पर PNR चेहरे की बायोमेट्रिक्स भेजनी होगी। यात्री सेवा का विकल्प नहीं चुनने का विकल्प भी चुन सकता है।
  • नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्टैंडर्ड एंड टेक्नोलॉजी द्वारा डिजाइन किए गए सॉफ्टवेयर का उपयोग करके चेहरे की पहचान की जाएगी।

डिजी यात्रा नीति (Digi Yatra Policy)

इस परियोजना को डिजी यात्रा नीति के हिस्से के रूप में लागू किया जायेगा। यह नीति नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा लागू की जा रही है। इसके तहत मंत्रालय का लक्ष्य हवाई अड्डों पर यात्रियों की बायोमेट्रिक आधारित डिजिटल प्रोसेसिंग उपलब्ध कराना है। यह यात्रियों को सुरक्षा स्कैनर के माध्यम से तेजी से गुजरने में मदद करता है।

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