2024 में इसरो (ISRO) शुक्र ग्रह के लिए मिशन लांच करेगा
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) दिसंबर 2024 में शुक्र के लिए एक अंतरिक्ष यान लॉन्च करने की योजना बना रहा है।
इसरो के शुक्र मिशन के उद्देश्य क्या हैं?
- शुक्र की सतह के नीचे क्या है इसका अध्ययन करना।
- शुक्र के वातावरण का अध्ययन करना।
इसरो द्वारा शुक्र मिशन के तहत किन प्रयोगों की योजना बनाई गई है?
- सक्रिय ज्वालामुखीय हॉटस्पॉट और लावा प्रवाह सहित सतह प्रक्रियाओं और उथले उप-सतह स्ट्रैटिग्राफी की जांच।
- वायुमंडल की संरचना और गतिकी का अध्ययन करना।
दिसंबर 2024 शुक्र के लिए अंतरिक्ष यान को लॉन्च करने के लिए उपयुक्त क्यों है?
यदि अंतरिक्ष यान को दिसंबर 2024 में लॉन्च किया जाता है, तो 2025 में अन्तरिक्ष यान की दिशा बदलने की योजना बनाई जा सकती है। 2025 में, पृथ्वी और शुक्र को इस तरह से संरेखित किया जाएगा कि अंतरिक्ष यान को शुक्र की कक्षा में प्रवेश करने के लिए न्यूनतम मात्रा में प्रणोदक (propellant) की आवश्यकता होगी।
शुक्र की सतह का अध्ययन करने के लिए किस यंत्र का उपयोग किया जाएगा?
इसके लिए हाई रेजोल्यूशन सिंथेटिक एपर्चर रडार का उपयोग किया जाएगा, जो ग्रह के चारों ओर बादलों के बावजूद, शुक्र की सतह की जांच करेगा।
क्या अब तक शुक्र की उप-सतह का अध्ययन किया गया है?
शुक्र की उप-सतह (sub-surface) का अभी तक किसी भी देश द्वारा कोई अवलोकन नहीं किया गया है। भारत पहली बार उप-सतह रडार उड़ाएगा, जो शुक्र की उप-सतह में कुछ सौ मीटर तक प्रवेश करेगा।
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