22 जुलाई : विश्व मस्तिष्क दिवस (World Brain Day)

हर साल, पर 22 जुलाई को मल्टिपल स्क्लेरोसिस (multiple sclerosis) के बारे में प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए विश्व मस्तिष्क दिवस मनाया जाता है। मल्टीपल स्केलेरोसिस एक ऐसी बीमारी है जो मस्तिष्क और रीढ़ को प्रभावित करती है।

मल्टीपल स्केलेरोसिस (Multiple Sclerosis)

मल्टीपल स्केलेरोसिस रीढ़ और मस्तिष्क को प्रभावित करता है। विश्व मस्तिष्क दिवस इस स्थिति के शीघ्र निदान की सिफारिश करता है ताकि रोगी के जीवन की गुणवत्ता में सुधार किया जा सके। मल्टीपल स्केलेरोसिस मस्तिष्क और शरीर के बाकी हिस्सों के बीच संचार को बाधित करता है। इस स्थिति में माइलिन, तंत्रिका तंतुओं के चारों ओर एक सुरक्षात्मक परत, पर प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा हमला किया जाता है। इसके कारण सूजन और अस्थायी घावों हो जाते हैं। WFN के अनुसार, मल्टीपल स्केलेरोसिस एक दुर्बल करने वाली न्यूरोलॉजिकल बीमारी है जो किसी व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करती है, जिसमें संज्ञानात्मक हानि (cognitive impairment) से लेकर शारीरिक विकलांगता (physical disability) तक के प्रभाव होते हैं। रोग-संशोधित उपचारों द्वारा मल्टीपल स्केलेरोसिस की प्रगति को धीमा किया जा सकता है।

मल्टीपल स्केलेरोसिस के लक्षण

इसके लक्षण लोगों में भिन्न-भिन्न होते हैं। इस रोग के लक्षण रोग की अवधि और गंभीरता के आधार पर भी बदल सकते हैं। इस बीमारी के कुछ सामान्य लक्षणों में थकान, चलने में कठिनाई, बोलने में कठिनाई, दृष्टि की समस्या, अंगों में कमजोरी, समन्वय की कमी और चक्कर आना शामिल हैं।

मल्टीपल स्केलेरोसिस के जोखिम कारक

इस बीमारी से किसी भी उम्र के लोग प्रभावित हो सकते हैं। अधिकतर, 20-40 वर्ष की आयु के लोगों में इस रोग के होने का अधिक जोखिम होता है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में इस बीमारी के प्रभावित होने की संभावना अधिक होती है। पारिवारिक इतिहास भी इस बीमारी में एक भूमिका निभाता है। साथ ही, अध्ययनों के अनुसार, विटामिन डी का निम्न स्तर होने से भी व्यक्ति को इस बीमारी के होने का खतरा होता है। अन्य जोखिम कारकों में कुछ संक्रमण, मोटापा, टाइप -1 मधुमेह और धूम्रपान शामिल हैं।

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