3 दिसम्बर : अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस (International Day of Disabled Persons)

प्रतिवर्ष 3 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य समाज में दिव्यांग जनों  का विकास सुनिश्चित करना है।

पृष्ठभूमि

इस दिवस की स्थापना संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 1992 में 47/3 प्रस्ताव करके की थी। संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के अनुसार विश्व भर में लगभग 1 अरब दिव्यांग जन हैं और उन्हें समाज में समावेश हेतु कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

उद्देश्य

इस दिवस का उद्देश्य दिव्यांग जनों की समस्याओं को समझना तथा उनके सम्मान अधिकारों व कल्याण का समर्थन करना है। इसका उद्देश्य राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक तथा सांस्कृतिक जीवन में दिव्यांग जनों के बारे में जागरूकता फैलाना है।

विकलांग व्यक्तियों के अंतर्राष्ट्रीय दिवस की आवश्यकता

  • दुनिया में 1 अरब से अधिक दिव्यांगजन हैं। इनमें से 80% विकासशील देशों में रहते हैं।
  • दुनिया में दिव्यांगजनों में से, 46% लोग 60 वर्ष से अधिक आयु के हैं

संयुक्त राष्ट्र द्वारा उठाये गये कदम

2006 में दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकारों पर कन्वेंशन को अपनाया गया था। अन्य प्रमुख संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क जिसमें दिव्यांगजन शामिल थे, इस प्रकार हैं :

  • 2030 सतत विकास लक्ष्य के लिए एजेंडा
  • न्यू अर्बन एजेंडा
  • वित्तीय विकास पर अदीस अबाबा एक्शन एजेंडा
  • आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए सेंडाई फ्रेमवर्क

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