15 जनवरी को होगी केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच अगले दौर की वार्ता

केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच अगले दौर की वार्ता 15 जनवरी को आयोजित की जाएगी, यह वार्ता का 8वां दौर होगा। इससे पहले 7 दौर की वार्ता पूरी हो चुकी है, परन्तु अभी भी समाधान नहीं ढूँढा जा सका है।

मुख्य बिंदु

इस बैठक में किसान संगठनों ने तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की अपनी मांग बरकरार रखी। परन्तु केंद्र सरकार इन तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के पक्ष में नही है। जिसके चलते बैठक में कोई विशेष प्रगति दर्ज नहीं की गयी।

गौरतलब है कि नई दिल्ली में किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच 7वें दौर की वार्ता आयोजित की गयी। इस वार्ता का आयोजन नई दिल्ली में विज्ञान भवन में किया गया। इस वार्ता में केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, उद्योग व वाणिज्य मंत्री पियूष गोयल और राज्य वाणिज्य व उद्योग मंत्री सोम प्रकाश शामिल हुए। इस वार्ता में किसानों को प्रतिनिधित्व 41 किसान संगठनों ने किया था।

किसान विरोध क्यों कर रहे हैं?

भारत सरकार द्वारा पारित किये तीन कृषि सुधार विधेयकों के खिलाफ किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इन कानूनों को सितंबर 2020 में लागू किया गया था। इस कानूनों ने कृषि उत्पादों की बिक्री, मूल्य निर्धारण और भंडारण के नियमों में थोड़ी ढील दी है।

इन कानूनों से असहमति के कारण किसानों ने एक शांतिपूर्ण विरोध शुरू किया, इस आन्दोलन को ‘दिल्ली चलो’ नाम दिया है। इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व अधिकांश पंजाबी और सिख किसान कर रहे हैं।

किसानों की चिंता

किसानों को भय है कि नए कृषि बिल उनकी आजीविका के लिए खतरा हैं।

 

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