हवाई अड्डे के निजीकरण के तीसरे दौर में लगभग 10 हवाई अड्डों का निजीकरण किया जायेगा

सरकार ने घोषणा की है कि हवाई अड्डे के निजीकरण के तीसरे दौर में 10 हवाई अड्डों का निजीकरण किया जाएगा।

मुख्य बिंदु

नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव प्रदीप सिंह खारोला के अनुसार, हवाई अड्डे के निजीकरण के तीसरे में 6 से 10 हवाई अड्डों का निजीकरण किया जाएगा। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण घाटे में चल रहे हवाईअड्डों के साथ-साथ लाभदायक हवाईअड्डों को बेचने की संभावना की चिंतन कर रहा है। इससे पहले, सरकार ने दूसरे दौर में 12 हवाई अड्डों के निजीकरण को मंजूरी दी थी।

केंद्र सरकार के अनुसार, आने वाले दिनों में देश के लगभग 20 से 25 हवाई अड्डों का निजीकरण किया जा सकता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2021-22 में टियर 2 और 3 शहरों के हवाई अड्डों के निजीकरण करने की भी घोषणा की थी। वित्त वर्ष 2021-2022 में, 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की 7 बंदरगाह परियोजनाओं को सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल में पेश किया जाएगा।

पृष्ठभूमि

हवाईअड्डों के निजीकरण के पहले दौर में अडानी समूह ने 6 हवाई अड्डों – अहमदाबाद, मंगलुरु, तिरुवनंतपुरम, लखनऊ, जयपुर और गुवाहाटी के लिए अनुबंध हासिल किया था। इनमें से 3 हवाई अड्डे अडानी समूह- अहमदाबाद, लखनऊ और मंगलुरु को सौंप दिए गए हैं। हवाई अड्डों के निजीकरण के दूसरे दौर में, एएआई ने भुवनेश्वर, वाराणसी, अमृतसर, रायपुर, इंदौर और त्रिची हवाई अड्डों को चुना है।

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