पीएम मोदी और अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी ने बैठक में हिस्सा लिया; शहतूत बांध परियोजना के निर्माण पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गये

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी ने आज एक वर्चुअल शिखर सम्मेलन आयोजित किया। इस अवसर पर शहतूत बांध परियोजना के निर्माण पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गये। इस  समझौता ज्ञापन पर विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर और अफगानिस्तान के विदेश मंत्री हनीफ अत्तार ने हस्ताक्षर किए।

मुख्य बिंदु

यह बाँध काबुल शहर की सुरक्षित पेयजल जरूरतों को पूरा करेगा, आस-पास के क्षेत्रों को सिंचाई का पानी उपलब्ध कराएगा और क्षेत्र को बिजली भी प्रदान करेगा। यह परियोजना भारत और अफगानिस्तान के बीच नई विकास साझेदारी का एक हिस्सा है।

यह अफगानिस्तान में भारत द्वारा बनाया जा रहा दूसरा बड़ा बांध है, इससे एहले भारत-अफगानिस्तान मैत्री बांध, सलमा बांध, का उद्घाटन जून 2016 में किया गया था।  इस अवसर पर बोलते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत और अफगानिस्तान के बीच सभ्यता के संबंधों पर प्रकाश डाला और एक शांतिपूर्ण, एकजुट, स्थिर, समृद्ध और समावेशी अफगानिस्तान के लिए भारत के निरंतर समर्थन का आश्वासन दिया।

इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि पिछले दो दशकों में, भारत अफगानिस्तान के विकास में सबसे प्रमुख भागीदारों में से एक रहा है। उन्होंने कहा, काबुल में शहतूत बांध पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर दोनों देशों के बीच मजबूत दोस्ती पर आधारित है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कई परियोजनाओं, जिनके लिए भारत ने अफगानिस्तान में सहायता प्रदान की है, ने मित्रता को मजबूत करने में मदद की है और दोनों देशों को करीब लाया है। उन्होंने सभी अफगानों को आश्वासन दिया कि भारत उनके साथ खड़ा रहेगा।

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