APEDA ने अपना पहला वर्चुअल ट्रेड फेयर लॉन्च किया
कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) ने 10 मार्च, 2021 को पहला वर्चुअल व्यापार मेला शुरू किया। इसका समापन 12 मार्च, 2021 को होगा।
मुख्य बिंदु
यह व्यापार मेला कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किया गया है। APEDA ने COVID-19 संबंधित प्रतिबंधों के कारण वर्चुअल ट्रेड फेयर की इस अवधारणा को शुरू किया है। यह भारत के कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किया गया था।
व्यापार मेले की थीम
इस मेले का आयोजन “India Rice and Agro Commodity” थीम के तहत किया जा रहा है। यह मेला कई कृषि उत्पादों की निर्यात क्षमता को प्रदर्शित करने पर केंद्रित है।
प्रतिभागी
इस वर्चुअल ट्रेड फेयर में आयातक और निर्यातक भाग ले रहे हैं। इन संभावित खरीदारों या आयातकों और आगंतुकों को खाद्य उत्पादों की एक विशाल श्रृंखला की जानकारी प्राप्त करने का मौका मिलेगा। इन उत्पादों को वर्चुअल मेले के माध्यम से निर्यातकों द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा।
प्रदर्शित किए जाने वाले उत्पाद
वर्चुअल ट्रेड फेयर में बासमती चावल, गैर-बासमती चावल, गेहूं, मक्का, बाजरा, मोटे अनाज और मूंगफली जैसे कई प्रमुख उत्पाद प्रदर्शित किए जाएंगे। अब तक, 135 प्रदर्शकों ने व्यापार मेले के लिए पंजीकरण किया है। इसके अलावा ब्राजील, फ्रांस, संयुक्त अरब अमीरात, यूनाइटेड किंगडम, न्यूजीलैंड, सऊदी अरब, कतर, सूडान, अफगानिस्तान, मिस्र, बहरीन, फिलीपींस, फिजी, म्यांमार, नीदरलैंड और पेरू के 266 भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय खरीदार पंजीकृत हैं।
कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (Agricultural and Processed Food Products Export Development Authority-APEDA)
यह एक निर्यात व्यापार संवर्धन निकाय है। इसकी स्थापना वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा “कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण” के तहत की गई थी। यह दिसंबर 1985 में पारित संसद के एक अधिनियम द्वारा स्थापित किया गया था। यह निकाय 13 फरवरी, 1986 को प्रभावी हुआ था।
Categories: अर्थव्यवस्था करेंट अफेयर्स
Tags:Agricultural and Processed Food Products Export Development Authority , APEDA , APEDA Virtual Trade Fair , COVID-19 , Virtual Trade Fair , कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण